CUET Syllabus of Performing Arts 320 Vocal Instrumental Melodic Hindustani & Karnataka Music Dance Percussion Drama Theatre Syllabus

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निर्देश:

इस पेपर के दो भाग होंगे: भाग I सभी के लिए अनिवार्य है जिसमें 20 प्रश्न होंगे।

भाग II में चार खंड होंगे- ए, बी, सी, डी। प्रत्येक खंड में 25 प्रश्न होंगे।

उम्मीदवारों को दिए गए 25 में से किन्हीं 20 प्रश्नों का प्रयास करना आवश्यक है।

उम्मीदवारों को अपनी पसंद के अनुसार किसी एक सेक्शन को चुनने की आवश्यकता होती है

CUET Syllabus for Vocal Instrumental Melodic

सेक्शन  ए- हिंदुस्तानी-कर्नाटक संगीत

भाग  I- निम्नलिखित की परिभाषा:

संगीत, नाद, श्रुति, स्वर-शुद्ध, कोमल, तीव्रता- लय , ग्राम मुर्छना, वर्ण, अलंकार, राग, आलापतान, गमक, मींड, कण।

भाग  II- निम्नलिखित अवधारणाओं का मूल ज्ञान:

वादी, संवादी, अनुवादी, विवादी, उत्तरंग, पुरवंग, आरोह, अवरोह, पकड़, थाट (मेल) जाति औडव, षाडव, संपूर्ण और इसकी किस्में

भाग  III- लय और ताला

लय – विलम्बित, मध्य, द्रुत

लयकारी- दगुन, तिगुन, चौगुन, चेगुन, ताल, मात्रा, ताली, खली, साम, विभाग,

आवर्तन, प्रमुख तालो का ज्ञान:

तीनताल, एकताल , दादरा, कहरवा, झपताल रूपक, आदि, सप्तल, चौपुतला, रूपकम।

भाग  IV- संगीत रूपों का ज्ञान

प्रबंध, ध्रुपद , ख्याल, ठुमरी, तराना, मसीत खानी-रजाखानी गत, कृति, पल्लवी, पदम, तिलाना

भाग v- संगीतकारों और संगीतकारों का योगदान:

वी .एन भातखंडे, ओंकार नाथ ठाकुर, अलाउद्दीन खान, मुश्ताक अली खान, त्यागराज, पुरंदरदास, रवींद्र नाथ टैगोर, काजी नजरूल इस्लाम।


भाग  VI-

संगीत वाद्ययंत्र और इसका वर्गीकरण: स्ट्रिंग (तत्ता) – सितार, तानपुरा, सरस्वती वीणा, सरोद, सारंगी, वायलिन

ताल (अवनद्ध ) तबला, पखावज, मृदंगम, खतम , खंजीरा, ढोलक

पवन (सुशिर) – बांसुरी, शहनाई, नागस्वरम, हारमोनियम

धात्विक (घन)- चिमटा, झांझ, घुंघरू, खड़ताला, चिपला, मोरचुंग

भाग -VII-

निम्नलिखित रागों की प्रमुख विशेषताओं का ज्ञान:- यमन/कल्याणी, 2. भैरव/मयमालवगौला, 3. अलहैया बिलवल/शंकर भरणम, मलकौंस /हिंडोलम, 5. बागेश्री/श्री रंजनी, 6. भूपाली/मोहनम

परफॉर्मिंग आर्ट्स -320: डांस (सेक्शन बी)

भाग  I –

भारत के शास्त्रीय नृत्यों का संक्षिप्त ज्ञान। (कथक, भरतनाट्यम, मणिपुरी, कथकली, ओडिसी, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, सत्त्रिया)

1).इतिहास

2).नृत्य प्रदर्शनों की सूची

3).संगीत स्वर और वाद्य दोनों

4).पोशाक और श्रृंगार

भाग  II-

मुख्य प्रतिपादकों और विभिन्न नृत्य रूपों के योगदानकर्ताओं के जीवन रेखाचित्र, अतीत और वर्तमान।


भाग  III- निम्नलिखित शर्तों का ज्ञान:

I. संगीत, नतन भेद (नाट्य, नृत्‍य, नृत्‍य)

द्वितीय। तांडव, लास्य

तृतीय। लोकधर्मी, नाट्यधर्मी

भाग  IV- निम्नलिखित का बुनियादी ज्ञान: –

I. ग्रंथ: अभिनय दर्पण, नाट्य शास्त्र, अभिनय चंद्रिका, हस्त लक्षणा दीपिका.

द्वितीय। भारत के प्रमुख लोक नृत्य

भाग  V- अभिनय और रस सिद्धांत का बुनियादी ज्ञान।

I. अंगिका, वाचिका, आहार, सात्विक

द्वितीय। नव रस और स्थिर भाव

तृतीय। भाव, विभव, अनुभव, संचारी।

भाग  VI – शास्त्रीय नृत्य अभ्यास का सर्वेक्षण:

I. प्रमुख शास्त्रीय नृत्य की प्राथमिक जानकारी और ज्ञान

घराने/संगठन/संस्थान/विश्वविद्यालय-विभाग।

द्वितीय। प्रमुख नृत्य उत्सव।

पर्क्यूशन म्यूजिक के लिए सेक्शन-सी-सिलेबस- हिंदुस्तानी और कर्नाटक

भाग  I-

तबला, पखावज, और मृदंगम की संरचना का बुनियादी ज्ञान।

भाग  II

तबला, पखावज और मृदंगम के वर्ण।

भाग  III- निम्नलिखित शर्तों का ज्ञान:

क) ताल, मात्रा, ताली, खाली, विभाग, तिहाई, सम

ख) ठेका, कयादा, रेला, टुकड़ा, परन, पेशकर, उत्थान, चक्रदार और फरमाइशी चक्रदार।

ग) सर्वलघु, गति, कोरैपु, कोरवई, चरण, मोहरा, चापू, मुक्तायिपु

घ) लय, लयकारी और जाति का अध्ययन

भाग  IV-

भातखंडे ताल संकेतन प्रणाली और कर्नाटक ताल संकेतन का प्रारंभिक ज्ञान प्रणाली

भाग v-

क) तबला, पखावज और मृदंगम की उत्पत्ति का संक्षिप्त अध्ययन।

ख) तबला और पखावज के घराने का संक्षिप्त अध्ययन

भाग  VI-

निर्धारित ताल का ज्ञान:

क) तीनताल, झपताल , एकताल , रूपक, केहरवा और दादरा

b) चौताल , सूलताल , खेमटा , धमार

ग) धुर्वा, मथ्या रूपक, झंपा, त्रिपुट, अता, एका।

इकाई VII जीवनियाँ:-

क) पं. किशन महाराज, उस्ताद जाकिर हुसैन।

b) राजा छत्रपति सिंह, गुरु पुरुषोत्तम दास।

c) पलानी सुब्रमण्य पिल्लई, पालघाट मणि अय्यर

सेक्शन डी: नाटक- रंगमंच

भाग  I-

भारतीय शास्त्रीय और पारंपरिक रंगमंच का परिचय

I. प्रमुख संस्कृत नाटककार

द्वितीय। भासा , कालिदास, सुद्रक, भवभूति [छात्र एक पाठ को पहचान और उसका अध्ययन कर सकता है

(एक नाटक) उपर्युक्त नाटककारों का]

तृतीय। प्रमुख पारंपरिक रंगमंच रूप

भाग  II- आधुनिक/समकालीन भारतीय रंगमंच

I. हिंदी/अंग्रेजी में प्रमुख आधुनिक और समकालीन शैलियों और कृतियों का सर्वेक्षण

द्वितीय। रवींद्रनाथ टैगोर, भारतेंदु हरिश्चंद्र, विजय तेंदुलकर, मोहन राकेश,

धर्मवीर भारती, बादल सरकार, शंकर शेष, गिरीश कर्नाड, चंद्रशेखर ,कंबर, मधु राय।

[विद्यार्थी उपर्युक्त के एक पाठ (एक नाटक) को पहचान कर उसका अध्ययन कर सकता है

नाटककार]

तृतीय। आधुनिक भारतीय रंगमंच के विभाजनकर्ता शंभु मित्रा, बी.वी.कारंत, हबीब तनवीर, के.एन. पणिक्कर, रतन थियम, उत्पल दत्त, राजेंद्र नाथ, जब्बार पटेल, विजया मेहता, सत्यदेव दुबे, ई. अल्काज़ी, प्रवीण जोशी।

भाग  III- पश्चिमी शास्त्रीय और मध्यकालीन नाटक का परिचय

I. अग्रणी ग्रीक नाटककार

द्वितीय। एशेकिलस, सोफोकल्स, यूरिपेडीज़

[विद्यार्थी उपर्युक्त के एक पाठ (एक नाटक) को पहचान कर उसका अध्ययन कर सकता है

नाटककार]

तृतीय। शेक्सपियर के नाटक

[छात्र शेक्सपियर के एक पाठ (एक नाटक) की पहचान और अध्ययन कर सकता है]

भाग  IV- आधुनिक/समकालीन पश्चिमी रंगमंच

I. अंग्रेजी या अंग्रेजी अनुवाद में प्रमुख समकालीन शैलियों और कार्यों का सर्वेक्षण

द्वितीय। चेकोव, इबसेन, स्ट्रिंडबर्ग, शॉ, ओ’नील, मिलर, इओन्स्को, बेकेट, पिंटर ,स्टॉपर्ड, पिरांडेलो

[विद्यार्थी उपर्युक्त नाटककारों के एक पाठ (एक नाटक) को पहचान कर उसका अध्ययन कर सकता है]

तृतीय। आधुनिक पश्चिमी नाटक के अभ्यासी

एक। स्टैनिस्लावस्की, ली स्ट्रैसबर्ग, बर्टोल्ट ब्रेख्त, मेयरहोल्ड, पीटर ब्रूक

बी। मार्लिन ब्रैंडो, लॉरेंस ओलिवियर, जॉन ग्रिलगूड

भाग  v- थिएटर प्रोडक्शन/आर्किटेक्चर/डिजाइन

I. थिएटर के प्रकार: प्रोसेनियम, एरिना, थिएटर इन राउंड, थ्रस्ट।

द्वितीय। नाटक निर्माण के तत्व: सेट, लाइट, कॉस्टयूम, मेक अप, ध्वनि- संगीत।

भाग  VI

I. भारतीय रंगमंच संगठनों की समीक्षा-एनएसडी, विश्वविद्यालय रंगमंच विभाग, संगीत नाटक अकादमी, क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र।

द्वितीय। अनुसंधान परियोजना का विकास और दस्तावेजीकरण – विभिन्न में अनुसंधान परियोजनाओं के उदाहरण

रंगमंच के पहलू; परियोजना के लिए मीडिया और स्रोतों का उपयोग करना

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