Bhairav Raag Parichay Notes – Dhan Dhan Murat Krishna Murari Bandish Allap Taan in Indian classical music in hindi is described in this post of Saraswati sangeet sadhana .
Bhairav raag in hindi
Raag Bhairav Parichay in Hindi
Bhairav raag Aaroh Avaroh
आरोह :- सा रे ग म प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा I
पकड :- ग म ध ध प , ग म रे रे सा
ठाट :- भेरव ठाट
जाति :- सम्पूर्ण – सम्पूर्ण (7,7)
वादी – संवादी स्वर :- ध , रे
Bhairav raag time
गायन समय :- प्रातःकाल 4 से 7 बजे तक है
राग भैरव
थाट भैरव रे ध कोमल, ध रे स्वर सम्वाद।
प्रात समय मिल गाईये, सम्पूरन भैरव राग।।
राग भैरव की विशेषता–
- यह अपने थाट का आश्रय राग है क्योंकि इस राग के आधार पर इसके थाट का नामकरण हुआ है।
- इसे संधिप्रकाश राग भी कहते है। कारण स्पष्ट है कि इसे प्रातःकाल में संधिप्रकाश के समय गाते-बजाते है।
- इसमें कोमल रे- ध आंदोलित किया जाता है जैसे ग म रे- रे – सा। आंदोलन करते समय ऊपर के स्वर को स्पर्श करते हैं।
- अवरोह में अधिकतर गंधार वक्र प्रयोग किया जाता है जैसे- ग म रे- रे सा।
- यह एक प्राचीन राग है। मध्य काल में जिस समय राग रागिनी पद्धति प्रचलित थी, उस समय चारों मतानुसार इसे एक मुख्य राग माना जाता था, रागिनी नही।
- यह गंभीर तथा करूण प्रकृति का राग है। इसमें ध्रुपद, धमार, बडा ख्याल, छोटा ख्याल तथा तराना गाये जाते है। ठुमरी नहीं गाई जाती हैं।
- इसके आरोह में कभी कभी पंचम वर्ज्य कर दिया जाता है जैसे- सा ग म ध-ध प।
- दक्षिणी पद्धति में इस राग को मायामालवगौड़ राग कहते है। वहाँ संगीत शिक्षा इसी राग से शुरू की जाती है।
न्यास के स्वर– सा, रे,प और ध।
समप्रकृति राग–कालिंगड़ा और रामकली।
भैरव– सा रे – रे सा, ग म ध- ध प, म प ग म रे-रे सा।
कालिंगड़ा– सा रेग, मग, धपमपमग, मग, रेसा।
विशेष स्वर संगतियाँ–
- ग म ध – ध प।
- ग म रे- रे सा।
- ग म ध -ध नि सां, रे- रे सां।
Bhairav raag notes
Bhairav raag bandish / राग भैरव बंदिश –
Bhairav raag lyrics
स्थायी
धन धन मूरत कृष्णा मुरारी
सुलक्षण गिरिधारी
छवि सुन्दर लगे अति प्यारी
अंतरा
बंसी धर मन मोहन सुहावे
बली बली जाऊं मोरे मन भावे
सब रंग ज्ञान विचारी
Bhairav raag Notation
Bhairav raag sargam
राग भैरव स्वरमलिका
स्थायी
ध न ध न / मू – र त / कृ ष्णा – मु / रा – री –
ग म ध ध / पम प- म ग / रे रे ग म / ग रे सा –
सु ल क्ष – / ण – गि रि / धा – री – / छ वि सु न्
सा .नि .ध .नि / सा सा सा सा / रे – सा – / सा रे ग म
न्द र ल – / गे – अ ति / प्या – आ – / आ – आआ री –
प प ध प / पध निसां नि ध / पध निसां निरें सांनि / धनि धप मग म /
अंतरा
बं – सी – / ध र म न / मो ह न सु / हा – वे –
प प प – / ध ध नि नि / सां सां सां सां / नि रे सा – /
ब ली ब ली / जा – ऊं – मो रे म न / भा – वे –
नि सां गं गं / रें – सां – / नि ध नि सां / नि ध प –
स ब रं ग / ज्ञा – न वि / चा – आ – / आ – आआ री –
ग म ग म / प – ध प / पध निसां निरें सांनि / धनि धप मग म /
Bhairav raag Alaap
16 Matra Alaap
धन धन मूरत कृष्णा मुरारी
सा – – – / रे रे सा – / .ध .नि सा रे / सा – – –
धन धन मूरत कृष्णा मुरारी
ग म ध ध / प – – – / ग म रे – / रे – सा –
धन धन मूरत कृष्णा मुरारी
सा रे ग म / प ध प – / सां नि ध प / म ग रे सा
धन धन मूरत कृष्णा मुरारी
सा .नि .ध .नि / रे – सा – / सा रे ग रे / – – सा –
धन धन मूरत कृष्णा मुरारी
ग म ध – / नि – सां – / ध नि सां रें / रें – सां –
or
सा रे ग म / प ध नि सां / सां – – – / रें रें सां –
बंसी धर मन मोहन सुहावे
सां – – – / रें रें सां – / ध नि सां रें / सां – – –
बली बली जाऊं मोरे मन भावे
सब रंग ज्ञान विचारी………………………………
Bhairav raag Taan
16 Matra Taan –
धन धन मूरत कृष्णा मुरारी
सारे गम पध निसां / सांनि धप मग रेसा
सारे गम पध निसां / निनि धप मग रेसा
धन धन मूरत कृष्णा मुरारी
सारे गग रेग मम / गम पप मप धध /
पध निनि धनि सांसां सांनि धप मग रेसा
धन धन मूरत कृष्णा मुरारी
सारे गम रेग मप / गम पध मप धनि /
पध निसां सांरे सां- / सांनि धप मग रेसा
बंसी धर मन मोहन सुहावे
सांनि धध निध पप / धप मम पम गग
मग रेरे गरे सासा / सारे गम पध निसां
बंसी धर मन मोहन सुहावे
बली बली जाऊं मोरे मन भावे
सब रंग ज्ञान विचारी…………………………….
Another Raag Bhairav Bandish –
भैरव राग की बन्दिश-
स्थायी –
जागो जागो हुआ सवेरा
सारे जगत का मिटा अंधेरा
अंतरा –
सूरज की झिलमिल किरणों से
वसुंधरा पर किया बसेरा
भैरव राग के आरोह अवरोह पकड़ क्या हैं ?
आरोह :- सा रे ग म प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा I
पकड :- ग म ध ध प , ग म रे रे सा
भैरव राग की जाति क्या है ?
जाति :- सम्पूर्ण – सम्पूर्ण (7,7)
भैरव राग का गायन समय क्या है ?
गायन समय :- प्रातःकाल 4 से 7 बजे तक है
भैरव राग का वादी संवादी स्वर क्या है ?
वादी – संवादी स्वर :- ध , रे
भैरव राग का परिचय क्या है
आरोह :- सा रे ग म प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा I
पकड :- ग म ध ध प , ग म रे रे सा
ठाट :- भेरव ठाट
जाति :- सम्पूर्ण – सम्पूर्ण (7,7)
वादी – संवादी स्वर :- ध , रे
Bhairav raag time
गायन समय :- प्रातःकाल 4 से 7 बजे तक है
Raag parichay of all raags in Indian Classical music..
Bherav raag Dhan Dhan Murat Krishna Murari bandish , allap , taan in hindi is described in this post of Saraswati Sangeet Sadhana..
Click here For english information of this post ..
Some posts you may like this…