Pandit Kishan Maharaj Biography In Hindi
जन्म विवरण –
स्थान -3 सितम्बर 1923
जन्म तिथि – बनारस, बनारस राज्य, ब्रिटिश भारत
वैवाहिक स्थिति: विवाहित
राष्ट्रीयता – भारतीय
किशन महाराज की जीवनी हिंदी में
भौतिक उपस्थिति –
आंखों का रंग- काला
बालों का रंग – काला
परिवार –
पिता – हरि महाराज
पत्नी – बीना देवी
बेटी – पूरन महाराज, अंजलि, पूर्णिमा और इंदिरा।
शिक्षक – कांठे महाराज
प्रारंभिक जीवन –
- किशन महाराज जी का जन्म बनारस के कबीर चौरा में पेशेवर संगीतकारों के परिवार में हुआ था।
- उन्हें शुरू में उनके पिता हरि महाराज ने शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित किया था।
- उनके पिता की मृत्यु के बाद, उनके प्रशिक्षण को उनके चाचा कांठे महाराज ने संभाला।
- उनका विवाह बनारस के तबला वादक पं. की बीना देवी भतीजी से हुआ था।
- उन्होंने एडिनबर्ग और वर्ष 1965 में ब्रिटेन में कॉमनवेल्थ कला समारोह के साथ ही कई अवसरों पर अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर प्रतिष्ठा अर्जित की।
- उनके शिष्यों में वर्तमान समय के जाने माने तबला वादक पंडित कुमार बोस, पंडित बालकृष्ण अय्यर, सुखविंदर सिंह नामधारी सहित अन्य नाम शामिल हैं।
प्रभावशाली व्यक्तित्व –
- आदरणीय स्वर्गीय पंडित किशन महाराज प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी थे, माथे पर एक लाल रंग का टिक्का हमेशा लगा रहता था, वे जब संगीत सभाओं में जाते, संगीत सभायें लय ताल से परिपूर्ण हो गंधर्व सभाओं की तरह गीत, गति और संगीतमय हो जाती।
- तबला बजाने के लिए वैसे पद्मासन में बैठने की पद्धति प्रचलित हैं, किंतु स्वर्गीय पंडित किशन महाराज जी दोनों घुटनों के बल बैठ कर वादन किया करते थे
- अपनी युवा अवस्था में पंडित जी ने कई फ़िल्मों में तबला वादन किया, जिनमें नीचा नगर, आंधियां, बड़ी माँ आदि फ़िल्में प्रमुख हैं।
- कहते हैं न महान् कलाकार एक महान् इंसान भी होते हैं, ऐसे ही महान् आदरणीय स्वर्गीय पंडित किशन महाराज जी भी थे, उन्होंने बनारस में दूरदर्शन केन्द्र स्थापित करने के लिए भूख हड़ताल भी की और संगत कलाकारों के प्रति सरकार की ढुलमुल नीति का भी पुरजोर विरोध किया।
आजीविका –
- जब वे ग्यारह वर्ष के थे, तब तक किशन महाराज ने संगीत कार्यक्रमों में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
- कुछ वर्षों के भीतर, किशन महाराज जैसे दिग्गजों के साथ मंच साझा कर रहे थे –
- फैयाज खान
- ओंकारनाथ ठाकुर
- बड़े गुलाम अली खान
- भीमसेन जोशी
- रवि शंकर
- अली अकबर खान
- वसंत राय
- विलायत खान
- गिरिजा देवी
- सितारा देवी।
- महाराज में विशेष रूप से तिहाई पैटर्न में क्रॉस-रिदम खेलने और जटिल गणना करने की क्षमता थी।
- एक उत्कृष्ट संगतकार के रूप में जाने जाने वाले, महाराज अत्यंत बहुमुखी और किसी भी संगत के साथ खेलने में सक्षम थे, चाहे वह सितार, सरोद, ध्रुपद, धमार या यहां तक कि नृत्य भी हो।
- महाराज ने अपने करियर के दौरान कई एकल संगीत कार्यक्रम दिए और कुछ महान नर्तकियों को `संगत` भी दी जैसे –
- श्री शंभु महाराज
- सितारा देवी
- नटराज गोपी कृष्ण
- बिरजू महाराज।
बिंदास जीवन शैली
- किशन महाराज का ज़िंदगी जीने का अन्दाज़ बहुत बिंदास रहा। उन्होंने ज़िंदगी को हमेशा ‘आज’ के आइने में देखा और अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ बिंदास जिया।
- लुंगी कुर्ते में पूरे मुहल्ले की टहलान और पान की दुकान पर मित्रों के साथ जुटान ताज़िंदगी उनका शगल बना रहा।
- मर्ज़ी हुई तो भैंरो सरदार को एक्के पर साथ बैठाया और घोड़ी को हांक दिया। तबीयत में आया तो काइनेटिक होंडा में किक मारी और पूरे शहर का चक्कर मार आए।
पसंद-नापसंद
- किशन महाराज का खानपान का भी अपना अलग स्टाइल था। दाल, रोटी, चावल के साथ छेना या केला और लौकी चाप उन्हें काफ़ी पसंद था।
- गर्मी के सीजन में दोपहर में सप्ताह में दो तीन रोज सत्तू भी खाते थे।
- परंपरागत बनारसी नाश्ता पूड़ी-कचौड़ी उन्हें पसंद नहीं था। कभी-कभार किसी पार्टी में पंडित जी पैंट-शर्ट में भी जलवा बिखेरते दिख जाते थे।
- मगर अलीगढ़ी पायजामा और कुर्ता उनका पसंदीदा पहनावा था।
- गहरेबाजी, पतंगबाजी और शिकार के शौकीन रहे पंडित जी क्रिकेट और हॉकी में भी ख़ासी दिलचस्पी रखते थे।
पुरस्कार –
- 1973 – पद्म श्री
- 2002 – पद्म विभूषण
- 1972 – संगीत नाटक अकादमी
अन्य सूचना –
- मृत्यु – 4 मई 2008
- स्थान – वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत
Question Related to Pandit Kishan Maharaj
किशन महाराज का जन्म कहाँ और कब हुआ था ?
किशन महाराज का जन्म 3 सितम्बर 1923 में बनारस राज्य में हुआ था .
किशन महाराज के पिता का नाम क्या था ?
किशन महाराज के पिता का नाम हरि महाराज था .
किशन महाराज ने संगीत की शिक्षा किससे ली थी ?
किशन महाराज ने संगीत की शिक्षा कांठे महाराज से ली थी
किशन महाराज की पुत्री का क्या नाम था ?
किशन महाराज की पुत्री का पूरन महाराज, अंजलि, पूर्णिमा और इंदिरा था .
किशन महाराज की पत्नी का क्या नाम था ?
किशन महाराज की पत्नी का बीना देवी था .
किशन महाराज को कौन कौन से पुरस्कार मिले थे ?
कन्या – सरस्वती
किशन महाराज की म्रत्यु कब हुई थी ?
किशन महाराज की म्रत्यु 4 मई 2008 में वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में हुई थी