Alap In Music In Hindi
आलाप की परिभाषा –
राग के स्वरों को विलम्बित लय में विस्तार करने को आलाप कहते हैं। आलाप में आवश्यकतानुसार मींड, खटका, मुर्की, गमक आदि का प्रयोग होता है।
गायन में आलाप दो प्रकार से किया जाता है,
आकार में और नोम-तोम तन दे रे यला यलि आदि शब्दों की सहायता से । प्रथम प्रकार को आकार का आलाप और द्वितीय को नोम-तोम का आलाप कहते हैं। आलाप का प्रयोग मुख्यतः दो स्थानों पर होता है
(१) गीत अथवा गत के पूर्व तथा
(२) गीत या गत के बीच |
स्थूल रूप से गीत अथवा गत के पूर्व का नोम-तोम का आलाप चार भागों में बाँट दिया जाता है –
- स्थाई
- अन्तरा
- संचारी
- आभोग
आलाप के बाद गीत अथवा गत प्रारम्भ किया जाता है और इसी स्थान से तबले का प्रयोग भी प्रारम्भ होता है। गाने के बीच का आलाप आकार में व छोटा होता है और क्रमशः कई भागों में विभाजित कर दिया जाता है । प्रत्येक आलाप के बाद गायक गीत और वादक गत पकड़ कर तबले से मिल जाता है। कुछ गायक गीत के पूर्व बहुत थोड़ा आलाप करते हैं। उनका कहना है कि गीत के पूर्व विस्तार में केवल उतना ही आलाप करना चाहिये जितना कि राग को स्पष्ट करने में पर्याप्त हो । आलाप की मन्द गति में गायक कण, मींड, खटका आदि उपकरणों की सहायता से अपनी हृदयगत भावनाओं को व्यक्त करता है।
अलाप रागों में मात्राओं के हिसाब से गाया या बजाया जाता है
8 मात्रा अलाप
16 मात्रा अलाप
जैसे – राग यमन में 8 मात्रा अलाप गाने के लिए स्थाई की पहली लाइन को आधा गा कर या बजा कर उसके उपरांत 8 मात्रा अलाप गाया या बजाया जाता है
यमन राग –
आरोह :- .नि रे ग म(t) प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म(t) ग रे सा I
पकड :- .नि रे ग रे .नि रे सा ,प म(t) ग रे नि रे सा
ठाट :- कल्याण ठाट
जाति :- सम्पूर्ण – सम्पूर्ण (7,7)
वादी – संवादी स्वर :- ग – नि
गायन समय :- रात्रि का प्रथम प्रहर
बन्दिश–
मोहन मुरली अधर बजावे
रह रह व्यथित हृदय हुलसवे
घड़ी घड़ी पल पल मधु बरसावे
मोहनी मुरती छवि अति सुहावे
स्वर मलिका –
मोहन मुरली अधर बजावे
सां – निध नि / प म(t) ग म(t) / प म(t) ग रे /.नि रे सा –
रह रह व्यथित हृदय हुलसवे
.नि .नि रे रे / ग ग म(t) म(t)ध /प म(t) ग रे / .नि रे सा –
घड़ी घड़ी पल पल मधु बरसावे
ग ग ग ग / म(t) म(t) ध म(t)ध / सां सां सां सां / नि रें सां –
मोहनी मुरती छवि अति सुहावे
नि रें सां नि / प म(t) ग म(t) / प म(t) ग रे / .नि रे सा –
8 मात्रा अलाप –
मोहन मुरली नि़ रे ग रे / नि़ रे सा
मोहन मुरली नि़ रे ग म॑ प ध नि सां
16 मात्रा अलाप –
मोहन मुरली अधर बजावे
नि़ रे ग म॑ / प – – – / प म॑ ग रे नि़ रे सा –
मोहन मुरली अधर बजावे
नि़ ध़ नि़ रे / ग – – – / नि़ ध़ नि़ रे / सा – – –
मोहन मुरली अधर बजावे
नि़ रे ग – / रे ग – रे / ग म॑ – ग / रे – सा –
मोहन मुरली अधर बजावे
ग म॑ ध नि़ / ध – प – / प म॑ – ग / रे – सा –
मोहन मुरली अधर बजावे
ग म॑ ध नि़ / सां – – – / सां नि़ ध प म॑ ग रे सा
घड़ी घड़ी पल पल म॑धु बरसावे
सां – – – / नि़ रें सां – / नि़ रें गं रें / नि़ रें सां –
घड़ी घड़ी पल पल म॑धु बरसावे
सां – – – / नि़ रें सां – / नि़ रें गं रें / नि़ रें सां –