Definition Of Lasya Dance In Hindi
लास्य की परिभाषा
(1).नृत्य जो भाव और ताल आदि के सहित हो, कोमल अंगों के द्वारी हो और जिसके द्वारा श्रृंगार आदि कोमल रसों का उद्दीपन होता हो । साधरणतः स्त्रियों का नृत्य ही लास्य कहलाता है ।
(2).कहते है, शिव और पर्वती ने पहले पहल मिलकर नृत्य किया था । शिव का नृत्य तांडव कहलाया और पार्वती का ‘लास्य’ ।
लास्य नृत्य के प्रकार
(1).यह लास्य दो प्रकार का कहा गया है—छुरित और यौवत ।
(2).साहित्यदर्पण में इसके दस अंग बतलाए गए हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं—
- गेयपद
- स्थितपाठ
- आसीन
- पुष्पगंडिका
- प्रच्छेदक
- त्रिगूढ़
- सैंधबाख्य
- द्विगूढ़क
- उत्तमीत्तमक
- युक्तप्रयुक्त