Thaats in Hindustani music Description of 10 thaats in indian classical music in hindi is described in this post of saraswati sangeet sadhana.
Thaats in Hindustani music
Defination of Thaat / थाट
सप्तक के 12 स्वरों में से 7 क्रमानुसार मुख्य स्वरों के उस समुदाय को थाट कहते हैं , जिससे राग उत्पन्न होते हों ।
थाट के लक्षण –
प्रत्येक थाट में अधिक से अधिक और कम से कम सात स्वर प्रयोग किए जाते हैं ।
थाट के सम्पूर्ण होने के साथ साथ उसके स्वर स्वाभाविक क्रम में होने चाहिए ।
थाट गया बजाया नहीं जाता और उसमें वादी – संवादी , पकड़ , आलाप – तान आदि की आवश्यकता नहीं होती ।
थाट में केवल राग उत्पन्न करने की क्षमता होती है । उसे कभी गया – बजाया नहीं जाता ।
थाटों की संख्या –
हिंदुस्तानी संगीत – पद्धति में आजकल 10 थाट माने जाते हैं । इन थाटो से समस्त राग उत्पन्न माने गये । आधुनिक काल में स्व0 विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने थाट – पद्धति को प्रचार में लाने की कल्पना की और थाटों की संख्या 10 मानी । थाटो के नाम और स्वर निम्नलिखित हैं। –
10 Thaats of Indian classical music in hindi
विलावल ठाट
आरोह :- सा रे ग म प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा I
खमाज ठाट
आरोह :- सा रे ग म प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा I
काफी ठाट
आरोह :- सा रे ग म प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा I
असावरी ठाट
आरोह :- सा रे ग म प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा I
यमन ठाट / कल्याण ठाट
आरोह :- सा रे ग म॑ प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म॑ ग रे सा I
भेरव ठाट
आरोह :- सा रे ग म प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा I
पूर्वी ठाट
आरोह :- सा रे ग म॑ प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म॑ ग रे सा I
तोड़ी ठाट
आरोह :- सा रे ग म॑ प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म॑ ग रे सा I
भेरवी ठाट
आरोह :- सा रे ग म प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा I
मारवा ठाट
आरोह :- सा रे ग म॑ प ध नि सां I
अवरोह:- सां नि ध प म॑ ग रे सा I
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थाट किसे कहते हैं
सप्तक के 12 स्वरों में से 7 क्रमानुसार मुख्य स्वरों के उस समुदाय को थाट कहते हैं , जिससे राग उत्पन्न होते हों ।
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