Instrumental Music Sangeet Bhushan Part 1 Syllabus
तंत्रवाद्य
परीक्षा के अंक
Max- 100
शास्त्र – 25
क्रियात्मक – 75
शास्त्र
- संगीत के पारिभाषिक शब्दो का ज्ञान –
संगीत, ध्वनि, श्रुति, नाद, स्वर(विकृत और शुद्ध , चल और अचल स्वर ), सप्तक ,थाट , राग (राग की तीन जातियाँ ),मुखयांग , स्थाई ,आरोही , आवरोही, और संचारी , अलंकार, वादी, संवादी, अनुवादि, वर्जित स्वर, आरोह, अवरोह , गत, बोल, आकर्ष प्रहार (सुलट), अपकर्ष प्रहार (उलट) , लय ,और उसके प्रकार (बिलम्बित , मध्य और द्रुत ),, तोड़ा बाज का टार , जोड़ का टार , मात्रा ,ताल , विभाग , सम ,खाली , ठेका , आवर्तन , ठाह , और दुगुन ।
- भारतीय संगीत की दो प्रधान पद्धतियों का ज्ञान ।
- रजाखानी और मसीतखानी गतों का विवरण ।
- अपने वाद्ययंत्र के विभिन्न अंगों के नाम साथ वाद्ययंत्र का ज्ञान ।
- भातखण्डे स्वरलिपि पद्धति का ज्ञान ।
- पाठ्यक्रम में निर्धारित ताल समूहों के ठेकों की ठाह और दुगुन लयकारी लिखने का अभ्यास ।
- पं. विष्णुदिग्गम्बर प्लुसकर और पं. विष्णु नारायण भातखण्डे की स्वरलिपि पद्धति का ज्ञान ।
क्रियात्मक
- अपने वाद्ययंत्र पर उँगलियों के सही रखाव का ज्ञान और साधारण अलंकार बजने का ज्ञान ।
- अपने वाद्ययंत्र पर दस अलंकार , ठाह और दूगुन लय में बजने का अभ्यास ।
- दा ,द , दिर ,द्रार ,दारा आदि बजने का अभ्यास (सितार तथा सरोद यंत्र पर) । निम्नलिखित रागों में मसीतखानी , राजखानी गत तोड़ो के साथ बजाने का अभ्यास ।
- निर्धारित राग – बिलावल ,यमन,काफी,भैरव , भीमप्लासी , भूपली और विहाग
- स्वर विस्तार सुनकर राग पहचानने की क्षमता ।
- निम्नलिखित ताल समूहों के ठेको के बोल ठाह और दूगुन लय ताली , खाली, दिखाकर बोलने का अभ्यास –दादरा , कहरवा, तीनताल, झपताल , और एकताल । राष्ट्रिए गान – जन गण मन । टिप्पणी – पूर्व वर्ष का पाठ्यक्रम संयुक्त रहेगा .