भीम पलासी राग का जन्म काफी थाट से माना गया है। इसमें ग(k) नि(k) कोमल तथा अन्य स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते है। आरोह में रे ध स्वर वर्जित है और अवरोह में सातों स्वर प्रयोग किये जाते है , इसकी जाति औडव-सम्पूर्ण है। वादी स्वर मध्यम तथा सम्वादी षडज है।इस राग को दिन के तीसरे पहर में गाते बजाते हैं।
जब काफी के मेल में, आरोहन रे ध त्याग।
तृतीय पहर दिन ग नि कोमल, मानत म स सम्वाद।।
Bhimpalasi Raag
Bhimpalasi Raag Parichay
आरोह :- .नि सा ग म प नि सां
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा
Bhimpalasi Raag Pakad
पकड :- .नि सा म , म ग प , प ग म , ग रे सा
ठाट :- काफी ठाट
जाति :- ओडव- सम्पूर्ण (5,7)
वर्जित स्वर – आरोह में रे , ध ।
वादी – संवादी स्वर :- म – सा
Bhimpalasi Raag Time –
Singing Time – 12 pm to 3 pm
गायन समय :- दिन का तीसरा प्रहर
राग भीमपलासी की विशेषता-
- इसमें स म और प ग की संगति बार बार दिखाते हैं।
- अधिकतर नि के साथ सा तथा ग के साथ म का मींड युक्त स्पर्श किया जाता है।
- इसमें बडा ख्याल छोटा ख्याल, ध्रुपद-धमार,तराना आदि सभी गाये बजाये जाते है। इस राग में कभी कभी होली भी सुनने को मिल जाती है।
- कुछ विद्वान इस राग मे शुद्ध नि का प्रयोग बडी कुशलता से करते है, किन्तु ध्यान रहे कि यह प्रयोग आवश्यक नहीं है और इसे प्रयोग करते समय बडी सावधानी की आवश्यकता होती हैं अन्यथा पटदीप राग की छाया आवेगी।
- राग भीमपलासी के कोमल नि को शुद्ध करने और उसे उत्तरांग प्रधान करने से राग पटदीप की रचना होती है।
अपवाद–हम पीछे देख चुके है कि इसमें म वादी और सा सम्वादी है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि यह राग उत्तरांग प्रधान है। कारण, म पूर्वाग में नहीं आ सकता क्योंकि म और स सप्तक के एक अंग पूर्वाग में आ जायेंगे, जो राग नियम के विरुद्ध है। अतः म पूर्वाग में और सा उत्तरांग मे आयेगा। इस दृष्टि से इसका गायन समय 12 बजे रात्रि से 12 बजे दिन के भीतर किसी समय होना चाहिये, किन्तु इसका गायन समय ठीक इसके विपरीत है। दूसरे शब्दों में इसके गायन समय और वादी सम्वादी में विरोध है। अतः भीमपलासी राग को इस नियम का अपवाद मान लिया हैऔर इसे दिन के तीसरे प्रहर का राग माना गया है। यह समय दिन के पूर्वाग में आता है जबकि इसे वादी- सम्वादी की दृष्टि से उत्तरांग प्रधान होना चाहिये।
न्यास के स्वर–सा, ग, म और प।
समप्रकृति राग– बागेश्वरी।
भीमपलासी– सा, नि सा म, म प. ग म, ग रे सा।
बागेश्वरी– सा ध नि सा म, ग म ध, म प ध ग, म ग रे सा।
Bhimpalasi Raag Bandish
Bhimpalasi Raag Lyrics
Sthai
कोयल बोले अंबुआ की डार
पंचम सूर में बार बार
Antara
वन वन विकसित कलियन कलियन
कुसुम कुसुम पर मस्त मधुप गण
ऋतु वसंत की छाई बाहर
Bhimpalasi Raag Notation
Sthai
को – य ल / बो – ले – / अं बु या की / डा – – र
गम पनि ध प / गम पम गरे सा / .नि सा ग म / प – – –
पं – च म / सू र में – बा – – र / बा – – र
प नि प नि / सां नि सां – / पनि सांनि ध प / गम पम गरे सा
Antara –
व न व न / वि क सि त / क लि य न / क लि य न
प प प प / म प ग म / प नि प नि / सां नि सां सां
कु सु म कु / सु म प र / म – स्त म / धु प ग ण
नि नि नि प / नि सां सां सां / नि सांरें सां रें / नि निध धप प
ऋ तु व सं – त की – / छा – ई बा / – – ह र
नि नि नि पम / – प ग म / प नि सा रें / सांनि धप मग रेसा
Bhimpalasi Raag Alap Taan
8 Matras Alap –
कोयल बोले – .नि सा – – / ग रे सा –
कोयल बोले – .नि सा ग म / ग रे सा –
कोयल बोले – सा – .नि सा / ग रे सा –
कोयल बोले – ग म – – / ग रे सा –
कोयल बोले – .नि सा म – / ग रे सा –
कोयल बोले – प ग – म / ग रे सा –
कोयल बोले – ग म प नि / ध प – –
16 Matras Alaap
कोयल बोले अंबुया की डार
.नि सा ग म / प – – – / प ग – म / ग रे सा –
कोयल बोले अंबुया की डार
.नि सा ग म / प नि सां – / सां नि ध प / म ग रे सा
कोयल बोले अंबुया की डार
.नि सा ग म / – ग रे सा / प ग – म / ग रे सा –
कोयल बोले अंबुया की डार
ग म प नि / ध – प – / सां नि ध प / म ग रे सा
कोयल बोले अंबुया की डार
ग म प नि / सां – – – / सां नि ध प / म ग रे सा
कोयल बोले अंबुया की डार
.नि सा ग म / – ग म – / ग म प म / ग रे सा –
कोयल बोले अंबुया की डार
.नि सा ग म / प नि सां – / प नि सां गां / रें रें सां –
वन वन विकसित कलियन कलियन
सां – – – / सां नि ध प / म ग रे सा / निसा गम पनि सां-
वन वन विकसित कलियन कलियन
सां – नि सां / प नि सां – / सां नि ध प / गम पनि सां –
Bhimpalasi Raag Taan
8 Matras Taan
कोयल बोले – .निसा गम पम गम / पम गम गरे सा-
कोयल बोले – .निसा गम पनि सां- / सांनि धप मग रेसा
कोयल बोले – गम पम गम पम / गम पम गरे सा-
कोयल बोले – गम पम गम पनि / सांनि धप मग रेसा
कोयल बोले – गम पनि सांगं रेंसां / सांनि धप मग रेसा
कोयल बोले – पम गम गरे सा- / .निसा गम पनि सां-
16 Matras Taan
कोयल बोले अंबुया की डार
.निसा गम पनि सां- / सांनि धप मग रेसा /. निसा गम पनि सां- / निनि धप मग रेसा
कोयल बोले अंबुया की डार
.निसा गग साग मम / गम पप मप निनि / पनि सांसां पनि सांसां / सांनि धप मग रेसा
कोयल बोले अंबुया की डार
गम पम गम पम / गम पम गरे सा- / .निसा गम पनि सां- / सांनि धप मग रेसा
कोयल बोले अंबुया की डार
.निसा गनि साग निसा / गम पग मप गम / पनि सांप निसां पनि / सांनि धप मग रेसा
कोयल बोले अंबुया की डार
.निसा गम पम गम / पम गम गरे सा– / गम पनि सांनि धप / गम पम गरे सा-
कोयल बोले अंबुया की डार
.निसा .निसा .निसा रेसा / .निसा गम गरे सा- / .निसा गम पम गम / पम गम गरे सा-
कोयल बोले अंबुया की डार
गम पम गम पम / गम पनि सांनि धप / गम पनि सांगं रेंसां / सांनि धप मग रेसा
कोयल बोले अंबुया की डार
पनि सांप निसां पनि / सांनि धप मग रेसा / निसा गम पनि सां- / निसां गम पनि सां-
कोयल बोले अंबुया की डार
पनि सांग रेसा निसां / निसां रेंसां निध पम / गम पनि सांनि धप / निनि धप मग रेसा
Bhimpalasi Raag Details Faq
राग भीमप्लासी की जाति क्या है ?
जाति :- ओडव- सम्पूर्ण (5,7) आरोह में 5 स्वर व अवरोह में 7 स्वर होने के कारण इस राग की जाति ओडव- सम्पूर्ण है ।
राग भीमप्लासी का गायन समय क्या है ?
राग भीमप्लासी का गायन समय दिन का तीसरा प्रहर है । एक 24 घंटे में 8 प्रहर होते हैं 3 – 3 घंटे के । दिन का प्रहर सुबह के 6 बजे से साँय काल 6 बजे तक रेहता है । दिन के तीसरे प्रहर का समय – 3 बजे से 6 बजे तक हुआ ।
राग भीमप्लासी के वादी संवादी स्वर क्या है
वादी – संवादी स्वर :- म – सा
राग भीमप्लासी किस ठाट का राग है ?
ठाट :- काफी ठाट
राग भीमप्लासी का परिचय क्या है ?
आरोह :- .नि सा ग म प नि सां
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा
Bhimpalasi Raag Pakad
पकड :- .नि सा म , म ग प , प ग म , ग रे सा
ठाट :- काफी ठाट
जाति :- ओडव- सम्पूर्ण (5,7)
वर्जित स्वर – आरोह में रे , ध ।
वादी – संवादी स्वर :- म – सा
Bhimpalasi Raag Time –
Singing Time – 3 p.m to 6 p.m
गायन समय :- दिन का तीसरा प्रहर
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