Bharat Natyam Junior Diploma 3rd Year Syllabus In Hindi Prayag Sangeet Samiti

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Bharat Natyam Junior Diploma 3rd Year Syllabus In Hindi

भरत नाट्यम नृत्य

क्रियात्मक

(1).अलारिपु, यतिस्वरम् तथा शब्दम् को बसंत, भैरवी तथा कल्याणी किसी एक राग में आदि ताल आठ मात्रा में करने का अभ्यास।

(2).कर्नाटक ताल पद्धति के चतुस्त्र ताल, आदि ताल, रूपकम् ताल, त्रिस्त्रम् ताल को हस्त द्धारा दक्षिण भारतीय पद्धति में ताली लगाकर बताने का अभ्यास।

(3).सिर संचालन का श्लोक सहित ज्ञान – सम शिर, उद्धाहित शिर, अधमुख शिर, आलोलित शिर, घूत शिर, कम्पित शिर, परावृत शिर, पारिवाहित शिर।

(4).दृष्टि भेद का श्लोक सहित ज्ञान – आलोकित दृष्टि, सांची दृष्टि, प्रलोकित दृष्टि, मीलित दृष्टि, अल्लोकित दृष्टि, अनुव्रत दृष्टि, अवलोकित दृष्टि।

(5).ग्रिवा भेद का श्लोक सहित ज्ञान – सुन्दरी ग्रिवा, तिरस्चित ग्रिवा, परिवर्तित ग्रिवा, प्रकंपित ग्रिवा।

शास्त्र

(1).पिछले वर्षों के पाठ्यक्रम का विशेष अध्ययन।

(2).शब्दम् शब्द का अर्थ सहित पूर्ण ज्ञान।

(3).नव.रसों का पूर्ण ज्ञान।

(4).भरतनाट्यम.शास्त्र की 24 असंयुक्त मुद्राओं का श्लोक सहित अर्थ ज्ञान।

(5).अभिनय दर्पण की 28 असंयुक्त मुद्राओं का श्लोक सहित ज्ञान।

(6).आंगिक, वाचिक तथा अहर्य अभिनय के भेद।

(7).द्वितीय वर्ष के पाठ्यक्रम के 10 संयुक्त मुद्राओं का किन.किन अर्थों में प्रयोग होता है, उसका ज्ञान।

(8).मिनाक्षी सुन्दरम् पिल्ले, चोकलिंगम पिल्ले तथा पुन्नैया पिल्ले की जीवनी तथा योगदान।

(9).नाद की तीन विशेषताएँ, नाद स्थान, श्रुति, स्वर के प्रकार, सप्तक, सप्तक के प्रकार (मन्द्र, मध्य और तार) आदि के विषय में साधारण ज्ञान।

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