Bhav Sangeet Junior Diploma 2nd Year Syllabus In Hindi
भाव संगीत
क्रियात्मक
(1).स्वर ज्ञान – शुद्ध तथा विकृत स्वरों को गाने और पहचानने का विशेष ज्ञान। कुछ सरल स्वर समूहों को पहचानने का अभ्यास।
(2).लय ज्ञान – पिछले वर्ष में दिये गये सभी लय सम्बन्धी विषयों का विशेष अभ्यास।
(3). कुछ कठिन मात्रा विभागों सहित स्वरों को ताली देकर गाने का अभ्यास, जैसे – 2 में 3 और 3 मात्रा में 2 मात्रा बोलना।
(4).पिछले वर्ष के थाटों में अलंकारों को गाने का विशेष अभ्यास। इस वर्ष कुछ नये और कठिन अलंकार होने चाहिए।
(5).भीमपलासी, बागेश्री, वृन्दावनी सारंग, देश, आसावरी, बिहाग और दुर्गा का ज्ञान, साधारण स्वर विस्तार और हर एक में एक.एक छोटा खयाल।
(6).किन्हीं चार खयालों में साधारण आलाप और सरल तानें लेकर तबले के साथ मिलाने का अभ्यास।
(7).सूरदास, मीराबाई, तुलसीदास और कबीर के एक.एक भजन और कुछ आधुनिक कवियों के कम.से.कम 5गीतों का पूर्ण अभ्यास। भजन और गीतों के भाव के अनुसार उनकी स्वर रचना की सुन्दरता पर विशेष ध्यान। रागों की शुद्धता की विशेष आवश्यकता नहीं है।
(8).इस वर्ष के किसी भी राग में एक ध्रुपद को ठाह, दुगुन और चौगुन सहित गाने का अभ्यास।
(9).एक होली, एक कजरी तथा दो लोकगीत गाने का अभ्यास।
(10).चारताल, एकताल, रूपक और तीवरा का ज्ञान और उनकी ठाह, दुगुन तथा चौगुन ताली देकर बोलने का ज्ञान।
(11).राग पहचान।
(12).स्वर उच्चारण की शुद्धता आवश्यक है।
शास्त्र
(1).परिभाषा एवं सरल व्याख्या – ध्वनि, ध्वनि की उत्पत्ति, कंपन, आंदोलन (नियमित, अनियमित, स्थिर, अस्थिर आंदोलन), आंदोलन संख्या, नाद की तीन विशेषताएं, नाद की ऊँचाई.नीचाई का आंदोलन संख्या से संबंध, नाद और श्रुति, गीत के प्रकार – बड़ा खयाल, छोटा खयाल, ध्रुपद, लक्षणगीत तथा उनके अवयव (स्थाई, अंतरा, संचारी, आभोग), जनक थाट, जन्य राग, आश्रय राग, ग्रह, अंश, न्यास, वक्र स्वर, समय और सप्तक का पूर्वांगउत्तरांग, वादी स्वर का राग के समय से संबंध, पूर्व और उत्तर राग, तिगुन, चौगुन, मींड़, कण, स्पर्श स्वर तथा वक्र स्वर। गमक, गिटकिरी, विश्रान्ति, छूट तथा पुकार की परिभाषा।
(2).राग परिचय – प्रथम तथा द्वितीय वर्ष के रागों का पूर्ण परिचय तथा उनमें सीखी गयी चीजों को स्वरलिपि में लिखने का ज्ञान।
(3).ताल परिचय – दोनों वर्ष के तालों का पूर्ण परिचय तथा उन्हें ठाह, दुगुन तथा चौगुन मे लिखने का अभ्यास।
(4).भातखंडे स्वर लिपि पद्धति का ज्ञान।
(5).लिखित स्वर समूहों द्वारा राग पहचान।
(6).मिलते.जुलते रागों में समता.विभिन्नता बताने का ज्ञान।
(7).तानसेन तथा अमीर खुसरो का जीवन परिचय।
(8).आधुनिक संगीत, भाव संगीत, फिल्म संगीत, गीत, भजन, हल्के गाने जन संगीत और लोक संगीत का परस्पर भेद।