Drawing & Painting Syllabus for Class XII 12th Uttarakhand Board 2023-24
ड्राइंग एण्ड पेन्टिंग (120) (सैद्धान्तिक )
Class XII
One Paper Marks : 30
Time- 3 Hours
इकाईवार प्राथमिकता | |
भारतीय कला का इतिहास | |
इकाई | अंक |
1. राजस्थानी एवं पहाड़ी शैली के लघु चित्र | 10 |
2. मुगल और दक्षिण शैली के लघु चित्र | 10 |
3. बंगाल स्कूल की पेन्टिंग और भारतीय कला मार्डन ट्रेन्ड | 10 |
30 |
इकाई -1
राजस्थानी और पहाड़ी शैली के लघु चित्र ( 16वीं शताब्दी ई. से 19वीं शताब्दी ई.) भारतीय लघु चित्र शैली का परिचय : पाश्चात्य – भारतीय, पाल, राजस्थानी, मुगल, मध्य भारत, दक्षिण और पहाड़ी ।
A- राजस्थानी शैली
1. उद्भव और विकास
2. उपशैलियां – मेवाड, बूंदी, जोधपुर, बीकानेर, किशनगढ़ और जयपुर
3. राजस्थानी शैली के मुख्य लक्षण
4. नीचे दिए गए राजस्थानी चित्रों का अध्ययन
शीर्षक | उपशैलियां | चित्रकार |
मारू रागीनी | साहिबदीन | मेवाड़ |
राजा अनिरूद्ध सिंह | हारा उत्कल राम | बूंदी |
छौरान प्लेयर्स | दाना | जोधपुर |
झूले में श्रीकृष्ण | नुरुदीन | बीकानेर |
राधा (बनी-ठनी) | निहाल चन्द्र | किशनगढ़ |
भरत से राम का मिलन | गुमान | जयपुर |
ठ. पहाड़ी शैली
1. उद्भव और विकास
2. उपशैली – बसोहली और कांगड़ा
3. पहाड़ी शैली के मुख्य लक्षण
4. नीचे दिए गए पहाड़ी चित्रों का अध्ययन
शीर्षक | उपशैली |
कृष्ण और गोपियां | बसोहली |
राग मेघ (मेघ राग) | कांगडा |
इकाई-2.
मुगल और दक्षिण शैली के लघु चित्र ( 16वीं शताब्दी ई. से 19वी. शताब्दी ई.) 1. मुगल शैली
1. उद्भव और विकास
2. मुगल शैली के मुख्य लक्षण
3. नीचे दिए गए मुगल चित्रों का अध्ययन
शीर्षक | चित्रकार | काल |
गोवर्धन पर्वत उठाए हुए कृष्ण | मिस्किन | अकबर |
सोन नदी पार करते हुए बाबर | जगन्नाथ | अकबर |
मडोना का चित्र पकड़े हुए जहाँगीर | अबुल हसन | जहाँगीर |
फालकॉन ऑन अ बर्ड रेस्ट | उस्ताद मंसूर | जहाँगीर |
कबीर और रैंदास | उस्ताद फकिरुल्लाह खान | शाहजहाँ |
दारा शिकोह की शादी | हाजी मदनी | मुगल जनपद (अवध) |
ठ. दक्षिण शैली
1. उद्भव और विकास
2. दक्षिण शैली के मुख्य लक्षण
3. दक्षिण शैली के चित्रों का अध्ययन
शीर्षक | उपशैली |
नर्तक | हैदराबाद |
चाँद बीबी पोलो खेलती हुई (चौगान ) | गोल कुण्डा |
इकाई -3 10 अंक
बंगाल स्कूल और आधुनिक शैली में भारतीय कला
A 1. (a) भारतीय कला का नया युगएक परिचय
(b) नीचे दिए गए चित्रों का अध्ययन
1. समुद्र के घमंड को चूर करते राम – राजा रवि वर्मा
2. भारतीय ध्वज का मूल्यांकन ( प्रथम 1906 मध्य – 1921 और अन्तिम रूप – 19470 ) आकारों तथा रंगों का चुनाव एक
B. (1) बंगाल चित्र शैली का परिचय
1. बंगाल शैली का उद्भाव और विकास
2. बंगाल शैली के मुख्य चित्र
(2) राष्ट्रीय स्वतंत्रता के आन्दोलन के संघर्ष में भारतीय कलाकारों का योगदान ।
( 3 ) नीचे दिए गए बंगाल शैली की पेन्टिंग का अध्ययन
1. यात्रा का अन्त अवनिन्द्र नाथ टैगोर
2. पार्थसारथी-नन्दलाल बोस
3. राधिका – एम. ए. आर. चुगताई
C. भारतीय कला में आधुनिक चलन परिचय
(1) नीचे दिए गए चित्रों का अध्ययन
1. जादूगर – गगनेन्द्र नाथ टैगोर
2. माँ और बच्चा – यामिनी राय
3. वूमैन फेस- रविन्द्र नाथ टैगोर
4. तीन लड़कियाँ – अमृता शेरगिल
2) नीचे दिए गए मूर्तिकला का अध्ययन
1. ट्रम्पन ( मेहनत की जीत ) – डी.पी. राय चौधरी
2. संथाल परिवार – रामकिंकर वैज
(3) नीचे दिए गए भारतीय समकालीन कला का अध्ययन
A. चित्रकला
1. मदर टेरेसा – एम. एफ. हुसैन
2. कविता का जन्म-के.के. हैब्बार
3. गॉसिप – एन. एस. बेन्द्रे
4. अनटाइटिल जी. आर. संतोष
5. डाइगनल- तैयब मेहता
(4) ग्रैफिक प्रिंट्स
1. वर्हलपूल-कृष्णा रेड्डी
2. चिल्ड्रेन सोमनाथ होर
3. देवी – ज्योति भट्ट
4. आफ वाल्- अनुपम सूद
5. मैन, वूमैन एण्ड ट्री.
5.मूर्ति कला
1. स्टैण्डिग वूमैंन- धनराज भगत
2. क्राइज अन हर्ड-के. अमरनाथ सहगल
3. गणेश – पी.वी. जानकीराय
4. फिगर- शंखो चौधरी
5. चतुर्मुखी- इक्का यादा गिरी राव
नोट – उपरोक्त उल्लिखित कलाकारों के नाम एवं उनके कलात्मक कार्य केवल सुझाव मात्र हैं न कि पूर्ण । शिक्षक और और विद्यार्थी उन्हें अपने संसाधनों के अनुरूप बढ़ा सकते हैं लेकिन प्रश्न पत्र केवल उपरोक्त सम्बन्धित कलात्मक कार्यों पर ही आधारित होगे ।
प्रायोगिक
पूर्णांक: 70 समयः 6 घण्टे
इकाईवार प्राथमिकता एव अक योजना | ||
इकाई | आन्तरिक मूल्यांकनकर्ता | वाह्य मूल्यांकनकर्ता |
1. प्रकृति एवं वस्तु चित्रण | 20 | |
2. चित्र संयोजन | 5 | 15 |
3. सत्रीय कार्य (सेसनल कार्य | 15 | – |
4. मौखिक | 10 | – |
5. सतत मूल्यांकन (इकाई परीक्षा) | 5 | – |
इकाई 1-प्रकृति एवं वस्तु चित्रण
रंगों द्वारा छाया-प्रकाश दर्शाते हुए
- प्रकृति चित्रण-फल, फूल, पौधे तथा सब्जियाँ
- वस्तु चित्र- ज्यामितीय आकारों (शंकु, प्रिज्म, घन तथा बेलन एवं मिले-जुले रूप) वाली वस्तुएं (स्टिल लाइफ)
इकाई 2 – चित्र संयोजन/दृश्य चित्रांकन
रंगों द्वारा चित्रांकन किया जाना है ।।
- मानवाकृतियों को आधार बनाते हुए विभिन्न चित्र संयोजन जैसे- विवाहोत्सव, रसोईघर, शयनकक्ष, खेल के मैदान आदि ।
- स्केचिंग – लाइफ (मानवाकृतियाँ) एवं प्रकृति आदि ।
इकाई 3- सेशनल
सत्र के दौरान किए गए कार्यों में से
- सत्र के दौरान बनाए गए पांच चयनित प्रकृति एवं वस्तु चित्रण होने चाहिए जिसमें 2 स्टिफ लाईफ चित्रण किसी भी माध्यम में लिए जाएं। 10
- सत्र के दौरान किए दो चयनित पेन्टिंग जितने भी चयनित चित्र विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए। वे ही चित्र परीक्षक के सामने प्रस्तुत किए जाएं जो शिक्षक / शिक्षिकाओं द्वारा प्रमाणित हों । 05
इकाई 4-मौखिक परीक्षा 10
इकाई 5-सतत मूल्यांकन 05