UP Board Class 12 Dance Syllabus 2023-24 & Theory Notes 2023-24

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Up Board Class 12 Dance Syllabus for Class – XII 12th Up Board 2023-24

विषय- नृत्य कला

कक्षा-12

एक लिखित प्रश्न-पत्र तीन घण्टे का और 50 अंकों का होगा। इसके अलावा 50 अंकों की प्रयोगात्मक परीक्षा भी होगी। उत्तीर्ण होने के लिये विद्यार्थी को लिखित, प्रयोगात्मक और योग में क्रमशः कम से कम 17+16 कुल 33 अंक पाना आवश्यक है ।

निम्नलिखित में से किसी एक की परिभाषा और व्याख्या जहाँ सम्भव हो सके उदाहरण और चित्र देते

हुये – कत्थक, भरतनाट्यम्, मनीपुरी और कथकली ।

कथक के साथ मनीपुरी तथा कथकली का परिचय-

1-अभिनय, आंगिक, वाचिक, अहाय, सात्विक, कस्क – मस्क कटाक्ष थिल्लन, लय, हरोवा, विरामद्रुत, घूंघट अंचल | 10 अंक

2- हाथों के (संयुक्त), 33 प्रकार और इनका प्रयोग देवताओं के हाथों की स्थितियों जैसे ब्रह्मा, शिव, विष्णु, सरस्वती, पार्वती, लक्ष्मी, गणेश, कार्तिकेय, इन्द्र, अग्नि, यम, वरुण, व्यास, कुबेर अवतारों के हाथों की स्थितियां विभिन्न सम्बन्धों को प्रदर्शित करने वाले हाथों की स्थितियाँ । पाँच प्रकार की कुन्द । 15 अंक

3- लखनऊ घराने और जयपुर घराने की कथक नृत्यों में गतों, टुकड़ों, मानों, प्रदर्शन आदि में मुख्य भेद अथवा कथकली (मोहनी अट्टम) अथवा मणीपुरी नृत्य । 15 अंक

4- आमद, परन आदि को ताल लिपि में लिखने की योग्यता । तीवरा, एकताल, चारताल, आड़ा चारताल, धमारी 10 अंक

त्रिताल के ठेकों को दुगुन, तिगुन, चौगुन में लिखना । स्थायी भाव, संचारी अनुभाव एवं रसों का पूर्ण ज्ञान । नृत्य सम्बन्धी किसी विषय पर निबन्ध लिखने की क्षमता-

निम्नलिखित नृत्यकारों की जीवनिया-

उदय शंकर, गोपीनाथ, कालका, अच्छन महाराज, शम्भू महाराज, जयलाल, सोनल मान सिंह ।

प्रयोगात्मक

1- टखने, घुटने, कमर, कन्ध, बाहों, कलाइयों, सिर, गर्दन, आंखों भौहों की कठिन गतियों का अभ्यास, विभिन्न प्रकार की चालों का प्रदर्शन, भावों का अभिव्यक्तिकरण, नृत्य और मुद्राओं द्वारा भाव, जैसेदृवीर, करुण, हास्य आदि दिखाना ।

2–धमार, आड़ा, चौताल में सरल तत्कार, चारगतं, एक आयत, तीन चक्करदार परन। 10 टुकड़े और कवित तीन तालों में, एक गत दो परन और चार टुकड़े झपताल में एक गत और दो टुकड़े चौताल में ।

3- तबले पर तीन ताल के अतिरिक्त तीवरा, आड़ा, चौताल, धमार एक चौताल, ताल के ठेके बनाने की योग्यता । कम से कम उपरोक्त तालों में से प्रत्येक में दो टुकड़े और नृत्य के लिए नृत्य के सभी टुकड़े आदि का पढ़ना और हाथ से ताली, खाली आदि दिखाते हुये सभी तालों का देना और नृत्य से तालों को पहचानने, पकड़ने और अनुगमन करने की योग्यता ।

4-कथानक और पौराणिक नृत्य जैसे श्रीकृष्ण की जीवन घटनायें आदि से दो नृत्य ।

5–विस्तृत कत्थक नृत्य, गोवर्धन लीला, माखन चोरी, कठिन टुकड़ों अथवा तोड़ों का उसमें प्रदर्शन ।

या

वर्णम्, पद्म, थिल्लन की भरत नाट्यम् नृत्य की श्रृंखला – किन्हीं दो रागों में।

सूचना :- प्रयोगात्मक परीक्षा में अंकों का क्रम निम्नवत् होगा-

विद्यार्थी का अपना चुना हुआ नृत्य ।    15

परीक्षक द्वारा पूछे गये नृत्य खण्ड गत टुकड़े आदि विभिन्न तालों में।  10

अभिव्यक्ति, संवेग, भाव आदि । 5

वेश, श्रृंगार, सज्जा अन्य प्रसाधन आदि ।  5

लयकारी ताल ज्ञान आदि ।  5

नृत्य के टुकड़ों और ताल के ठेकों का विभिन्न लयों में हाथ से ताली खाली आदि दिखलाते हुये। 5

सामान्य धारणा और नृत्य का प्रभाव । 5

सूचना :- अध्यापकों को प्रत्येक विद्यार्थी के कार्य का लेखा वाह्य प्रयोगात्मक परीक्षक के समक्ष प्रस्तुत करने के लिये तैयार करना चाहिये ।

पुस्तक :- कोई भी पुस्तक निर्धारित या संस्तुत नहीं है। विद्यालयों के प्रधान विषय अध्यापक से परामर्श करके पाठ्यक्रम के के के अनुरूप उपयुक्त पुस्तक का चयन कर लें।

अधिकतम अंक – 50                न्यूनतम उत्तीर्णांक अंक – 16 अंक                समय- प्रति परीक्षार्थी 15-20 मि0

(1) वाह्य मूल्यांकन –                                                                                                                      25 अंक

1- परीक्षार्थी का अपना चुना हुआ नृत्य । 08

2-परीक्षक द्वारा पूछे गये नृत्य खण्ड गत टुकड़े आदि विभिन्न तालों में बताना । 03

3-वेश, श्रृंगार, सज्जा, अन्य प्रसाधन आदि । 03

4- अभिव्यक्ति, संदेश, भाव आदि । 03

5- लयकारी ताल, ज्ञान आदि । 03

6- नृत्य के टुकड़ों और ताल को विभिन्न लयों में हाथ से ताली आदि दिखाते हुये । 02

7- सामान्य धारण और नृत्य का प्रभाव । 03

(2) आंतरिक मूल्यांकन-                                                                                                          25 अंक

1- रिकॉर्ड ।   05

2- प्रोजेक्ट । 10

3 – सत्रीय कार्य ।   10

व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा

व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा हेतु जो विद्यालय प्रयोगात्मक परीक्षा केन्द्र निर्धारित किये जायेंगे, उन विद्यालयों के सम्बन्धित विषयों के अध्यापक / प्रधानाचार्य द्वारा आन्तरिक परीक्षक रूप में व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को पचास प्रतिशत अंक प्रदान किये जायेंगे, शेष पचास प्रतिशत अंक वाह्य परीक्षक द्वारा देय होंगे।

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