Tabla Junior Diploma 1st Year Syllabus In Hindi Prayag Sangeet Samiti

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Tabla Junior Diploma 1st Year Syllabus In Hindi

तबला

क्रियात्मक

  1. लय ज्ञानप्रत्येक मात्रा पर ताली देते हुए अंकों को बोलकर लय की स्थिरता, विलम्बित, मध्य ,द्रुत लय, दुगुन , चौगुन और विभिन्न सरल मात्रा-विभागों को ताली देकर दिखाने का अभ्यास।
  2.  . तबले के विद्यार्थियों के लिए झपताल, तीनताल, एकताल, चारताल और दादरा तालों के ठेकों को ताली देकर ठाह तथा दुगुन  में बोलना और उन्हें तबले पर बजाना।  .मृदंग के विद्यार्थियों के लिए चारताल, सूलताल तथा तेवरा के ठेकों को मृदंग पर बजाना तथा ठाह और दुगुन  में बोलना।
  3.  . तीनताल में चार सरल कायदा चार- चार पलटो सहित, दो ठेकों की किस्में, दो मोहरे, दो तीहे और दो सरल टुकड़े। झपताल, एकताल और चारताल में दो- दो छोटे टुकड़े। दादरा के ठेके की कुछ किस्में।।                             . मृदंग के विद्यार्थियों के लिए चारताल, सूलताल तथा तेवरा ताल में 4-4 परन तथा तीनों ताल में दो दो सरल तिहाईया बजाने का ज्ञान।

शास्त्र

  1.  तबला अथवा मृदंग (पखावज) के वर्णों का ज्ञान।
  2.  उक्त ताल के ठेकों को ठाह और दुगुन  में मात्रा, सम, ताली, खाली आदि दिखाकर ताललिपि में लिखना। टुकड़ों, मोहरों आदि को भी ताललिपि में लिखना।
  3. निम्नलिखित परिभाषाओं और विषयों का ज्ञान- लय, विलम्बित, मध्य, द्रुत, मात्रा, ताली, विभाग, खाली, ठाह, दुगुन , चौगुन, ठेका, बोल, कायदा, पल्टा, तिहाई, मोहरा, मुखडा, किस्में, टुकड़ा, आवर्तन।
  4. तबला अथवा मृदंग के अंगों का ज्ञान तथा उनका वर्णन।
  5. तबला अथवा मृदंग की उत्पत्ति का साधारण ज्ञान।
  6. भातखंडे तथा विष्णु दिगम्बर ताललिपि पद्धतियों का साधारण ज्ञान।

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