खमाज थाट जन्य राग झिंझौटी में निषाद कोमल प्रयोग किया जाता है और शेष स्वर शुद्ध हैं। कभी-कभी कोमल गंधार भी प्रयोग करते हैं जैसे- सारे ग रे सा नि ध प आरोह-अवरोह दोनों में सातों स्वर प्रयोग किये जाते हैं। अतः इसकी जाति संपूर्ण-संपूर्ण है। वादी स्वर ग और सम्वादी नि माना गया है। वादी-संवादी में षडज पंचम भाव नहीं स्थापित होता, क्योंकि निषाद स्वर कोमल है। यह एक चन्चल राग है। इसे मुख्य तौर से मंद्र और मध्य सप्तकों में गाते हैं। इसके गाने का समय रात्रि का दूसरा प्रहर है।
कोमल मनि झिंझूटी है, चढ़त न लगे निषाद ।
कहूँ कोमल गन्धार है, ध-ग संवादि-वादि । ।
Jhinjhoti Raag
Jhinjhoti Raag Parichay
आरोह- सा रे ग म प ध नि(k) सां ।
अवरोह-सां नि(k) ध प म ग रे सा, सा रे ग(k) रे सा, .नि(k) .ध .प।
थाट :- खमाज थाट
जाति :- संपूर्ण-संपूर्ण(7,7)
गायन समय :- रात्रि का दूसरा प्रहर ।(9 pm to 12 am)
झिंझौटी राग प्रश्न उत्तर –
झिंझौटी राग के आरोह अवरोह पकड़ क्या हैं ?
आरोह- सा रे ग म प ध नि(k) सां ।
अवरोह-सां नि(k) ध प म ग रे सा, सा रे ग(k) रे सा, .नि(k) .ध .प।
झिंझौटी राग की जाति क्या है ?
जाति :- संपूर्ण-संपूर्ण(7,7)
झिंझौटी राग का गायन समय क्या है ?
गायन समय :- रात्रि का दूसरा प्रहर ।(9 pm to 12 am)
झिंझौटी राग में कौन से स्वर लगते हैं ?
आरोह- सा रे ग म प ध नि(k) सां ।
अवरोह-सां नि(k) ध प म ग रे सा, सा रे ग(k) रे सा, .नि(k) .ध .प।
झिंझौटी राग का थाट क्या है ?
थाट :- खमाज थाट
झिंझौटी राग का परिचय क्या है ?
खमाज थाट जन्य राग झिंझौटी में निषाद कोमल प्रयोग किया जाता है और शेष स्वर शुद्ध हैं। कभी-कभी कोमल गंधार भी प्रयोग करते हैं जैसे- सारे ग रे सा नि ध प आरोह-अवरोह दोनों में सातों स्वर प्रयोग किये जाते हैं। अतः इसकी जाति संपूर्ण-संपूर्ण है। वादी स्वर ग और सम्वादी नि माना गया है। वादी-संवादी में षडज पंचम भाव नहीं स्थापित होता, क्योंकि निषाद स्वर कोमल है। यह एक चन्चल राग है। इसे मुख्य तौर से मंद्र और मध्य सप्तकों में गाते हैं। इसके गाने का समय रात्रि का दूसरा प्रहर है।
KINDLY UPLOAD SWAR VITAAR OF RAAG JHINJHOTI….