Dashavatar

दशावतार का परिचय Introduction To Dashavatar In Hindi

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Introduction To Dashavatar In Hindi

परिचय

  • हिन्दू धर्म में विभिन्न देवताओं के अवतार की मान्यता है। प्रायः विष्णु के दस अवतार माने गये हैं जिन्हें दशावतार कहते हैं। इसी तरह शिव और अन्य देवी-देवताओं के भी कई अवतार माने गये हैं।
  • भगवान विष्णु हिन्दू त्रिदेवों में से एक हैं। निर्माण की योजना के अनुसार, वे ब्रह्माण्ड के निर्माण के बाद, उसके विघटन तक उसका संरक्षण करते हैं। भगवान विष्णु के दस अवतारों को संयुक्त रूप से ‘दशावतार’ कहा जाता है।
  • जब मानव अन्याय और अधर्म के दलदल में खो जाता है, तब भगवान विष्णु उसे सही रास्ता दिखाने हेतु अवतार ग्रहण करते हैं।

अवतार

  • भगवान विष्णु के दस अवतार हैं :-

1) मत्स्य

2) कूर्म

3) मोहिनी

4) वराह

5) नरसिंह

6) वामन

7) परशुराम

8) राम

9) कृष्ण

10) कल्कि

  • पहले तीन अवतार, अर्थात् मत्स्य, कूर्म और वराह प्रथम महायुग में अवतीर्ण हुए। पहला महायुग सत्य युग या कृत युग है।
  • नरसिंह, वामन, परशुराम और राम दूसरे अर्थात् त्रेतायुग में अवतरित हुए। कृष्ण और वेंकटेश्वर द्वापर युग में अवतरित हुए।
  • इस समय चल रहा युग कलियुग है और भागवत पुराण की भविष्यवाणी के आधार पर इस युग के अंत में कल्कि अवतार होगा। इससे अन्याय और अनाचार का अंत होगा तथा न्याय का शासन होगा जिससे सत्य युग की फिर से स्थापना होगी।

विस्तार

  • हिन्दू धर्म-ग्रन्थों में सामान्यतः दशावतार की उपर्युक्त सूची स्वीकृत है, लेकिन विभिन्न ग्रन्थों में कुछ अंतर भी हैं।
  • उदाहरण के लिए, कुछ धार्मिक समूहों की मान्यता के अनुसार कृष्ण ही परमात्मा हैं और दशावतार कृष्ण के ही दस अवतार हैं; अतः उनकी सूची में कृष्ण नहीं बल्कि उनके स्थान पर बलराम होते हैं। कुछ लोग बलराम को एक अवतार मानते हैं, बुद्ध को नहीं। सामान्यतः बलराम को आदिशेष का अवतार माना जाता है।

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