भैरवी राग को भैरवी थाट से उत्पन्न माना गया है। इसकी जाति सम्पूर्ण – सम्पूर्ण है। वादी म और संवादी धा है। इसे प्रात: काल में गाते बजाते है।
Bhairavi Raag
How To Read Sargam Notes
- “(k)” is used for komal swars.eg – ( रे(k) , ग(k) , ध(k) , नि(k) ) (Note – You can write ( रे , ग , ध , नि ) in this manner in exams . )
- म(t) here “(t)” is used for showing teevra swar म(t) . (Note – You can write ( म॑ ) in this manner in exams . )
- “-” is used for stretching the swars according to the song.
- Swars written “रेग” in this manner means they are playing fast or two swars on one beat.
- (रे)सा here “रे” is kan swar or sparsh swar and “सा” is mool swar. (Note – You can write ( रेसा ) in this manner in exams . )
- [ नि – प ] here this braket [ ] is used for showing Meend from “नि” swar to “प” . (Note – You can write ( नि प ) making arc under the swars in this manner in exams . )
- { निसां रेंसां नि } here this braket {} is used for showing Khatka in which swars are playing fast .
Bhairavi Raag Description
वादी – संवादी – म – सा
जाती – सम्पूर्ण – सम्पूर्ण
गायन समय – प्रात: काल
Bhairavi raag Pakad
आरोह – सा रे ग म प ध नि सां
अवरोह – सां नि ध प म ग रे सा
पकड़ – सा रे ग म प ध प , ग म रे सा , सा रे सा , .ध .नि सा
भैरवी राग की विशेषता –
- शास्त्रीय नियम के अनुसार इसका गायन –समय प्रात:काल है ,किन्तु प्रचार में इस राग को हर समय गाते –बजाते है । लगभग प्रत्येक संगीत सभा इसी राग से समाप्त होती हैं ।
- यह चंचल प्रकर्ति का राग है । अत: इसमें छोटा ख्याल ,तराना तथा टप्पा –ठुमरी गाई –बजाई जाती है । आजकल फिल्म संगीत में इसके स्वरो का प्रयोग अधिक होने लगा है ।
न्यास के स्वर –सा ,ग म और प ।
मिलते जुलते राग – बिलासखानी तोड़ी ।
Bhairavi raag bandish
Bhairavi raag / भैरवी राग बंदिश –
डगर चलत छेड़े श्याम सखिरी
में दूँगी गारी निपट अनाड़ी
Bhairavi raag / भैरवी राग अंतरा –
पनिया भरत मोरी गागर फोड़ी
नाहक बइयाँ मरोड़ी झक झोरी
Bhairavi raag Notation / स्वर मालिका / राग भैरवी सरगम गीत –
भैरवी राग स्थाई –
9 10 11 12
ड ग र च सा ध प ध | 13 14 15 16
ल त छे ड़े म प ग म | 1 2 3 4
श् या म स प ध म प | 5 6 7 8
खि – री – ग रे सा – |
9 10 11 12
में – दूँ गी सा रे ग म | 13 14 15 16
गा – री – ग रे सा – | 1 2 3 4
नि प ट अ प ध नि सां | 5 6 7 8
ना – ड़ी – नि ध प – |
भैरवी राग अंतरा –
9 10 11 12
प नि या भ ध म ध नि
| 13 14 15 16
र त मो री सां नि रें सां | 1 2 3 4
गा – ग र नि – सां सां | 5 6 7 8
फो – ड़ी – रें सां(नि) ध(प) प |
9 10 11 12
ना – ह क प – प प
| 13 14 15 16
बा इ याँ म प ध नि सां | 1 2 3 4
रो ड़ी झ क (नि)ध प ग म | 5 6 7 8
झो – री – (ग)रे – सा – |
Bhairavi raag allap taan
भैरवी राग 8 मात्रा आलाप –
डगर चालत छेड़े / सा – रे – / ग – रे सा
डगर चालत छेड़े / सा .नि .ध .नि / सा रे सा –
डगर चालत छेड़े / सा रे ग म / – ग रे सा
डगर चालत छेड़े / सा रे ग म / प ध प –
डगर चालत छेड़े / सा – रे ग / रे ग रे सा
भैरवी राग 16 मात्रा आलाप –
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सा रे ग म / प ध नि सां / सां नि ध प / म ग रे सा
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सा रे ग म / प ध प – / ग म – ग / रे – सा –
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सा रे ग म / – ग रे सा / सा .नि .ध .नि / सा रे सा –
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सा रे ग म / – ग म – / ग म – ग / रे – सा –
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
ग म प ध / सां नि ध प / ग म – ग / रे – सा –
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
ग म ध नि / सां नि ध प / ग म प म / ग रे सा –
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
ग म ध नि / सां – रें सां / गं रें सा रें / गं रें सां –
पनिया भरत मोरी गागर फोड़ी
सां – – नि / ध नि सां – / ध नि सां गं / रें रें सा –
भैरवी राग 8 मात्रा तान –
डगर चालत छेड़े – सारे गम पध निसां – सांनि धप मग रेसा
डगर चालत छेड़े- सारे गम गरे सा- / गम पम गरे सा–
डगर चालत छेड़े- गम पम गम पम / गम पम गरे सा–
डगर चालत छेड़े – गम पम गम पध / निनि धप मग रेसा
डगर चालत छेड़े- सारे गम पध निसां / रेंगं रेंगं माँगं रेंसा
डगर चालत छेड़े – सांनि धप मग रेसा निनि धप मग रेसा
पनिया भरत मोरी गागर फोड़ी
नाहक बाइयाँ मरोड़ी झक झोरी
भैरवी राग 16 Matra taan –
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सारे गम पध निसां / सांनि धप मग रेसा / सारे गम पध निसां / निनि धप मग रेसा
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सारे गग रेग मम गम पप मप धध पध निनि धनि सांसां सांनि धप मग रेसा
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सारे गम रेग मप / गम पध मप धनि / पध निसां सांरें सां- / सांनि धप मग रेसा
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सारे सारे सारे गरे / सारे गम पम गरे / सारे गम पध पम / गम पम गरे सा–
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सारे सारे गम गरे / सारे गम पम गरे / सारे गम पध निसां / निनि धप मग रेसा
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सारे गसा रेग सारे / गम पग मप गम / पध निप धनि पध / सांनि धप मग रेसा
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
गम पम गम पध / पम गम पध निध / पम गम पध निसां / निध गम गरे सा–
डगर चालत छेड़े श्याम सखिरी
सारे गग रेग मम / गम पप मप धध / पध निनि धनि सांसां / सांनि धप मग रेसा
Some Faq related Bhairavi Raag in Hindi
राग भैरवी की जाति क्या है
राग भैरवी की जाति – सम्पूर्ण – सम्पूर्ण है ।
राग भैरवी राग का गायन समय क्या है ?
रे व ध कोमल होने के कारण ये संधि प्रकाश राग है इसलिए भैरवी राग का गायन समय – प्रात: काल है ।
राग भैरवी राग की पकड़ क्या है ?
इस राग में रे , ग , ध , नि चरो स्वर कोमल हैं और इसकी पकड़ इस्स प्रकार है पकड़ – सा रे ग म प ध प , ग म रे सा , सा रे सा , .ध .नि सा
राग भैरवी के वादी संवादी स्वर क्या हैं ?
भैरवी राग के वादी – संवादी – म – सा हैं वादी राग का महत्व पूर्ण स्वर होता है और संवादी स्वर राग का दूसरा महत्व पूर्ण स्वर होता है ।
भैरवी राग का थाट क्या है ?
भैरवी राग का थाट भैरवी थाट होता है यह राग आश्रय राग भी कहलता है क्यूंकी यह राग पूर्ण रूप से भैरवी थाट पर आधारित है ।
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