घूमर नृत्य का इतिहास तथा घूमर गीत History of Ghoomar Dance and Ghoomar Songs In Hindi

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History of Ghoomar Dance and Ghoomar Songs

इतिहास –

  • घूमर राजस्थान का पारंपरिक लोकनृत्य है। इसे भील जनजाति द्वारा देवी सरस्वती की पूजा करने के लिए विकसित किया गया था और बाद में अन्य राजस्थानी समुदायों द्वारा अपनाया गया था।
  • यह नृत्य मुख्य रूप से घूँघट और “घाघरा” नामक भंवर वाली पोशाक पहनकर महिलाओं द्वारा किया जाता है।
  • इस नृत्य में महिलाएं एक बड़े घेरे के अंदर और बाहर नृत्य करती हैं। घूमर नाम हिंदी शब्द घूमना से लिया गया है जिसका अर्थ नृत्य के दौरान घूमना है।
  • घूमर अक्सर शादी समारोहों, त्योहारों और धार्मिक आयोजनों जैसे विशेष अवसरों पर किया जाता है और अक्सर कुछ घंटों तक चलता है।

घूमर गीत

  • घूमर नृत्य सामान्यतः निम्नलिखित गीतों पर किया जाता है।
  • “म्हारी घूमर”
  • “चिरमी म्हरी चिरमाली”
  • “आवे हिचकी” – पारंपरिक राजस्थानी घूमर गीत
  • “जनवाई जी पवना”
  • “तारण री चुंडी”
  • “म्हारो गोरबंद नखतरालो”
  • “म्हारी घूमर”
  • “घूमर रे घूमर रे”
  • “घूमर” –
  • “बाई सा का बीरा” 2018 की फिल्म पद्मावत से
  • यह नृत्य गणगौर के अवसर पर आयोजित किया जाता है। इस नृत्य की पोशाक 80/120 कली का लहंगा होता है।
  • घूमर नृत्य को राजस्थान का रजवाड़ी नृत्य भी कहा जाता है।

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