Chandra Pirai

चंद्र पिरई का परिचय तथा उपयोग Introduction And Use Of Chandra Pirai Musical Instrument In Hindi

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Introduction And Use Of Chandra Pirai

परिचय –

  • चंद्र पिरई एक तालवाद्य है और यह लोहे और चर्मपत्र से बना है। धार्मिक समारोहों में प्रयुक्त होने वाला यह वाद्य तमिलनाडु में बजाया जाता है।

उपयोग –

  • लोहे की एक छोटी छड़ द्वारा मुड़ी हुई लोहे की पट्टी से अर्धचन्द्राकार लोहे का घेरा जुड़ा होता है। एक चेहरा त्वचा से ढका हुआ। झुके हुए भाग को माथे पर बांधकर दो डंडों से बजाया जाता है, साथ ही इसकी जोड़ी को ‘सूर्य पिरई’ कहा जाता है। दक्षिण भारत के ग्राम देवताओं के ‘मरियम्मन’ मंदिरों में बजाया जाता है |

सामग्री-

  • लोहा, चर्मपत्र

चंद्र पिरई के प्रश्न उत्तर –

चंद्र पिरई किस धातु से बना होता है ?

चंद्र पिरई लोहा, चर्मपत्र से बना एक तबला वाद्य यंत्र है।

चंद्र पिरई का उपयोग कब करते है ?

चंद्र पिरई दक्षिण भारत के ग्राम देवताओं के ‘मरियम्मन’ मंदिरों में बजाया जाता है |

चंद्र पिरई किस राज्य में बजाया जाता है ?

चंद्र पिरई तमिलनाडु राज्य में बजाया जाता है |

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