शहाना कान्हडा राग को काफी थाट जन्य माना गया है। इसमें गंधार व निषाद कोमल तथा शेष स्वर शुद्ध प्रयोग किये गये हैं। गायन समय रात्रि का तीसरा प्रहर है। वादी प और संवादी सा है। जाति सम्पूर्ण – सम्पूर्ण वक्र है।
Sahana Kanada Raag
How To Read Sargam Notes
- “(k)” is used for komal swars.eg – ( रे(k) , ग(k) , ध(k) , नि(k) ) (Note – You can write ( रे , ग , ध , नि ) in this manner in exams . )
- म(t) here “(t)” is used for showing teevra swar म(t) . (Note – You can write ( म॑ ) in this manner in exams . )
- “-” is used for stretching the swars according to the song.
- Swars written “रेग” in this manner means they are playing fast or two swars on one beat.
- (रे)सा here “रे” is kan swar or sparsh swar and “सा” is mool swar. (Note – You can write ( रेसा ) in this manner in exams . )
- [ नि – प ] here this braket [ ] is used for showing Meend from “नि” swar to “प” . (Note – You can write ( नि प ) making arc under the swars in this manner in exams . )
- { निसां रेंसां नि } here this braket {} is used for showing Khatka in which swars are playing fast .
Sahana Kanada Raag Parichay
आरोह-नि(k)सा – रे ग(k) म प – म ग(k) म – ध नि(k) प – म प ध नि(k) सां
अवरोह- सां ध नि(k) प – म प ग(k) म रे सा –
जाति – सम्पूर्ण – सम्पूर्ण वक्र
थाट – काफी थाट
वादी-संवादी -प सा
गायन समय-रात्रि का तीसरा प्रहर (12 am to 3 am)
विशेषता –
राग शहाना कान्हड़ा में धैवत एक महत्वपूर्ण स्वर है जिस पर न्यास किया जाता है। अन्य न्यास स्वर पंचम है।
इस राग की राग वाचक स्वर संगती है – ग(k) म ध – ध नि(k) प – नि(k) ध नि(k) प – ध म प सां – ध नि(k) प – ग(k) म रे सा।
इस राग का निकटस्थ राग बहार है, जिसका न्यास स्वर मध्यम होता है (नि(k) ध नि(k) प म)।
जबकि शहाना कान्हड़ा में न्यास स्वर पंचम है (नि(k) ध नि(k) प)। यह उत्तरांग प्रधान राग है, जिसका विस्तार मध्य और तार सप्तक में खिलता है।
स्वर संगतियाँ-
नि(k) सा रे ग(k) म – म प म ग(k) म ध – ध नि(k) प – ग(k) म प ध नि(k) सां – सां नि(k) ध नि(k) प – ध म प सां – नि(k) सां रे’ सां – सां नि(k) ध नि(k) प – म प ग(k) ग(k) म – रे सा –
शहाना कान्हडा राग प्रश्न उत्तर –
शहाना कान्हडा राग के आरोह अवरोह पकड़ क्या हैं ?
आरोह-नि(k)सा – रे ग(k) म प – म ग(k) म – ध नि(k) प – म प ध नि(k) सां
अवरोह- सां ध नि(k) प – म प ग(k) म रे सा –
शहाना कान्हडा राग की जाति क्या है ?
जाति – सम्पूर्ण – सम्पूर्ण वक्र
शहाना कान्हडा राग का गायन समय क्या है ?
गायन समय-रात्रि का तीसरा प्रहर (12 am to 3 am)
शहाना कान्हडा राग में कौन से स्वर लगते हैं ?
आरोह-नि(k)सा – रे ग(k) म प – म ग(k) म – ध नि(k) प – म प ध नि(k) सां
अवरोह- सां ध नि(k) प – म प ग(k) म रे सा –
शहाना कान्हडा राग का थाट क्या है ?
थाट- काफी थाट
शहाना कान्हडा राग के वादी संवादी स्वर कौन से हैं ?
वादी-संवादी -प सा
शहाना कान्हडा राग का परिचय क्या है ?
शहाना कान्हडा राग को काफी थाट जन्य माना गया है। इसमें गंधार व निषाद कोमल तथा शेष स्वर शुद्ध प्रयोग किये गये हैं। गायन समय रात्रि का तीसरा प्रहर है। वादी प और संवादी सा है। जाति सम्पूर्ण – सम्पूर्ण वक्र है।