Tabla & Pakhawaj Sangeet Bhushan Part 1 Syllabus In Hindi
तबला और पखावज
परीक्षा के अंक
पूर्णाक : १५०
क्रियात्मक – १००
शास्त्र – ५०,
शास्त्र
(1).निम्नलिखित पारिभाषिक शब्दों का ज्ञान- लय और उसके तीन प्रकार (विलम्बित,मध्य,द्रुत) मात्रा, ताल, विभाग, सम, ताली, खाली, आर्वतन, ठेका, ठाह, दुगुन, कायदा, रेला ।
(2).तबले की उत्पत्ति का साधारण ज्ञान तथा दाहिने और बायें अंगों का वर्णन |
(3).तबला और पखावज के दाहिने और बायें कौन-कौन से स्थान पर आघात करके कौन-कौन से बोल उत्पन्न होते है, उनका विवरण।
(4).इस वर्ष में निर्धारित ताल समूहों के ठेकों को ठाह, दुगुन और चौगुन लयकारियों में लिखने का अभ्यास।
(5).अपने वाद्य की उत्पत्ति एवं उसके अंगों का ज्ञान।
(6).भातखण्डे स्वर लिपि पद्धति का ज्ञान।
(7).श्री गोपाल नायक का एवं अमीर खुसरो का जीवन परिचय ।
(8).पाठयक्रम में निर्धारित तालों में टुकड़े तिहाई परणों को ताल लिपिबद्ध करने का ज्ञान ।
क्रियात्मक
(1).एक से सोलह मात्रा तक हाथ पर ताली की सहायता से लय में बोलने का अभ्यास
(2).त्रिताल, झपताल, कहरवा, दादरा और चारताल के ठेकों को ठाड और दुगुन लय में बजाने का अभ्यास।
(3).त्रिताल में कायदा चार पल्टे, दो मुखड़े, तीन टुकड़े, तीन तिहाई और झपताल में तीन सरल टुकड़े, दो कायदे, दो मुखड़े एवं तीन तिहाई बजाने का अभ्यास ।
(4).गत एवं गीत में सम समझाकर तबला वादन आरम्भ करने का अभ्यास।
(5).पखावज पर सूल, चारताल और तीवरा ताल में परन, तीन टुकड़े, एक रेला और तीन तिहाई बजाने का अभ्यास।
(6).दादरा, कहरवा तालों में पांच लग्गी बजाने का अभ्यास ।
(7).तबले के विद्यार्थियों को पखावज की भी तालों का ज्ञान होना अनिर्वाय ।
(8).वर्तमान प्रतिष्ठित तबला और पखावज वादकों के विषय में जानकारी
(9).अपने वादय पर पाठयक्रम की तालों को विभिन्न तयकरियों में बजाने की क्षमता
टिप्पणी – पूर्व वर्षा का पाठ्यक्रम संयुक्त रहेगा।