रूपक्रा ताल में 8 मात्रा होती हैं और 3 विभाग होते हैं | इसमें 1 ,4 और 6 ठी मात्रा पर ताली लगती है | इस ताल की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। यह आम तौर पर रवींद्र संगीत के लिए मध्यम गति का होता है।
8 मात्रा में से पहली मात्रा को सम कहा जाता है। रूपक्रा ताल को गिनने के लिए दर्शक या छात्र पहली मात्रा पर ताली बजाते हैं, फिर चौथी और छठी मात्रा पर ताली बजाते हैं|
Rupkra Taal
रूपक्रा ताल परिचय –
मात्रा – 8 मात्रा
विभाग – 3 विभाग
ताली – 1 , 4 , और 6 ठी मात्रा
ताल में पहली मात्रा सम कहलाती है इसे “x” से चिन्हित किया गया है
ताली – ताली को ( x 2 3 ) से पर चिन्हित किया गया है
खाली –खाली को “० ” से चिन्हित किया जाता है
Rupakra Taal bol in Hindi
बोल – धा धी ना / धी ना / धी धी ना
रूपक्रा ताल का ठेका –
ठाह या एक गुन में लिखने का तरीका –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 |
बोल | धा | धी | ना | धी | ना | धी | धी | ना |
चिन्ह | x | 2 | 3 |
दो गुन में लिखने का तरीका –
इस ताल को दुगुन में लिखने के लिए दो बोल को एक मात्रा पर लिखना होगा ।
जैसे –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 |
बोल | धाधी | नाधी | नाधी | धीना | धाधी | नाधी | नाधी | धीना |
चिन्ह | x | 2 | 3 |
तीगुन में लिखने का तरीका
इस ताल को तीगुन में लिखने के लिए तीन बोल को एक मात्रा पर लिखना होगा ।
जैसे –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 |
बोल | धाधीना | धीनाधी | धीनाधा | धीनाधी | नाधीधी | नाधाधी | नाधीना | धीधीना |
चिन्ह | x | 2 | 3 |
चौगुन में लिखने का तरीका
इस ताल को चौगुन में लिखने के लिए चार बोल को एक मात्रा पर लिखना होगा ।
जैसे –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 |
बोल | धाधीनाधी | नाधीधीना | धाधीनाधी | नाधीधीना | धाधीनाधी | नाधीधीना | धाधीनाधी | नाधीधीना |
चिन्ह | x | 2 | 3 |
रूपक्रा ताल को हाथ पर लगाने का तरीका –
ताल को हाथ पर दिखने में दोनों हाथो का प्रयोग होता है
पहला विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर पहली मात्रा पर ताली देते हुए 3 बार गिनते और बोल बोलते हैं
दूसरा विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर 4 थी मात्रा पर ताली देते हुए 2 बार गिनते और बोल बोलते हैं
तीसरा विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर 6 ठी मात्रा पर ताली देते हुए 3 बार गिनते और बोल बोलते हैं |
रूपक्रा ताल प्रश्न उत्तर –
रूपक्रा ताल में कितने मात्रा होती हैं ?
रूपक्रा ताल में 8 मात्रा होती हैं |
रूपक्रा ताल के बोल क्या हैं ?
बोल – धा धी ना / धी ना / धी धी ना
धा धी ना धी बोल के ताल का क्या नाम है ?
रूपक्रा ताल के बोल धा धी ना धी से शुरू होते हैं |
रूपक्रा ताल में कितनी ताली और कितनी खाली होती है?
रूपक्रा ताल में ताली – 1 , 4 , और 6 ठी मात्रा पर और इसमें खाली मात्रा नही होती है |
रूपक्रा ताल में कुल कितने विभाग होते हैं?
रूपक्रा ताल में 3 विभाग हैं |
रूपक्रा ताल का ठाह क्या है ?
रूपक्रा ताल ठाह – धा धी ना / धी ना / धी धी ना
रूपक्रा ताल को हाथ पर कैसे लगाते हैं ?
रूपक्रा ताल को हाथ पर लगाने का तरीका –
ताल को हाथ पर दिखने में दोनों हाथो का प्रयोग होता है
पहला विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर पहली मात्रा पर ताली देते हुए 3 बार गिनते और बोल बोलते हैं
दूसरा विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर 4 थी मात्रा पर ताली देते हुए 2 बार गिनते और बोल बोलते हैं
तीसरा विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर 6 ठी मात्रा पर ताली देते हुए 3 बार गिनते और बोल बोलते हैं |