Rabindra Nritya Visharad Part 1 Syllabus In Hindi
रबिन्द्रा नृत्य
परीक्षा के अंक
पूर्णाक : १५०
शास्त्र- ५०
क्रियात्मक – १००
शास्त्र
(1).भारतीय नृत्य का इतिहास ।
(2).नृत्य और संगीत में ताल का महत्व ।
(3).नृत्य में रस की उपयोगिता ।
(4).नायक-नायिका के विभिन्न प्रकारों का ज्ञान ।
(5).रवीन्द्र नृत्य पर कथाकली और मणिपुरी नृत्य का प्रभाव ।
(6).नृत्य नाटिका- चण्डालिका, चित्रांगदा, श्यामा की अलोचना
(7).नृत्य और दूसरी भारतीय ललित कलाएं ।
(8).लोक नृत्य क्या है ? रवीन्द्र नृत्य में लोक नृत्य का स्थान ।
(9).रवीन्द्र नृत्य की एक विशेष शैली का वर्णन
(10).जीवनी – श्री दीनेन्द्र नाथ ठाकुर, श्री जितेन्द्र नाथ ठाकुर ।
क्रियात्मक
(1).निम्नलिखित पर्याय समूह में से आठ के साथ रवीन्द्र नृत्य सहनृत्य-पूजा – २, प्रकृति – २, प्रेम- २, कौतुक गीति – १ शिशु संगीत- १।
(2).बाउलांग और टपांग रवीन्द्र संगीत के साथ नृत्य ।
(3).एकताल, चारताल, सूलफाक ताल, खेमटा, आड़ा खेमटा ताल के विषय में ज्ञान और उपयुक्त तालों के बीच में से किन्हीं दो ताल में दो रवीन्द्र नृत्य ।
(4).मणिपुरी रास नृत्य ।
(5).भरत नाट्यम आढऊ- ५१ से ७६ क्रम तक।
(6).कथाकली नृत्य के ‘कलासम’ सार का अभ्यास ।
(7).हस्त लक्षण लिपिका के अनुसार ‘मुद्राक्ष और कठ, क्रम’ मुद्रा की व्यवहार विधि ।
(8).बंगाल के मुख्य दो लोक नृत्य ।
(9).लोक नृत्य पर आधारित दो रवीन्द्र नृत्य ।
टिप्पणी : पूर्व वर्षों का पाठयक्रम संयुक्त रहेगा।