Malkauns raag

मालकौंस राग Malkauns Raag Bandish 16 Matras Allap Taan Music Notes In Hindi

4.4/5 - (8 votes)

जनप्रिय राग मालकोश को भैरवी थाट से उत्पन्न माना गया है। इसमें ऋषभ और पंचम वर्ज्य है। अतः इसकी जाति औडव- औडव है। वादी मध्यम और संवादी षडज है। रात्रि के तृतीय प्रहर में इसे गाते – बजाते है। इसमें गंधार, धैवत और निषाद तीनों स्वर कोमल लगते है

थाट भैरवी वादी म स, रखिये रे प वर्ज्य।

तृतीय प्रहर निशि गाईये, मालकोश का अर्ज।।

Malkauns Raag

Malkauns Raag Parichay

आरोह- सा ग(k), (k) नि(k)सां।

अवरोह- सां नि(k)(k), (k) म ग(k) सा।

पकड़- .(k) .नि(k) स म, (k) म ग(k) सा।

थाट – भैरवी थाट

वर्जित स्वर – रे , प

वादी -सम्वादी स्वर – म – सा

जाति – औडव- औडव

गायन समय – रात्रि के तृतीय प्रहर

राग मालकोश की विशेषता

  • इसे कुछ लोग मालकंश और कुछ लोग मालकोश कहते है। वास्तव मे इन दोनों से एक ही राग का बोध होता है।
  • इस राग की चलन तीनों सप्तको में समान रूप से होती हैं।
  • इसमें बडा ख्याल, छोटा ख्याल, ध्रुपद, धमार, तराना, मसीतखानी गत रज़ाखानी गत सभी गाये बजाये जाते है। इसमें ठुमरी नहीं गाई जाती है।
  • इसमें केवल नि शुद्ध कर देने से राग चंद्रकोश हो जाता है।
  • इसमें पंचम वर्ज्य होने के कारण इसे गाते समय तानपूरे के प्रथम तार को मंद्र सप्तक सें मिलाते हैं।
  • गंभीर और शांत प्रकृति का राग होने के कारण यह मींड प्रधान राग है।

न्यास के स्वर- सा, (k) और म।

समप्रकृति राग- चंद्रकोश।

विशेष स्वर संगतियाँ-

1-.(k).नि(k)सा म, .(k)म ग(k)सा,

2-म ग(k),म ग सा,

3-(k), (k) नि(k) सां,

4-सां नि(k)ध(k)नि(k)ध(k) म।

बन्दिश-

स्थायी –

 कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

ऋतु बसंत को देत संदेशवा

अंतरा –

नव कलियन पर गुंजत भवरा

उनके संग करत रंग रलियाँ

यही बसंत को देत संदेशवा

स्वरमलिका / Notation

को  य  लि या /  बो ले अं बु / आ – की डा / र प र –

सां  सां  नि(k) सां / ध(k) म ध(k) नि(k) सां – नि(k) सां / ध(k) म म –

ऋ  तु  ब  सं / –  त  को –  / दे  –  त  सं / दे  श  वा  –

ग(k)  ग(k) म धनि(k) / सां नि(k) सां – / म  ग(k)  म  ध(k) / म ग(k) सा –

अंतरा –

न  व क लि  / य  न प र  /  गुं  – ज त  / भ  व  रा  –

ग(k)  ग(k)  म  म / ध(k)  ध(k) नि(k) नि(k) / सां – सां सां / गं (सां)नि(k) सां – 

उ  न  के  – / सं  – ग(k) क / र  त रं ग(k) /  र  लि  याँ  –

नि(k) नि(k) नि(k) – / सां – सां सां  / (नि)ध(k)  ध(k) निसां / (नि)ध(k) म म –

य  ही ब  सं  / – त को  –  / दे  –  त सं  / दे  श  वा  –

ग(k)  ग(k) म धनि(k) / सां नि(k) सां – / म  ग(k)  म  ध(k) / म ग(k) सा –

16 मात्रा आलाप /Matras Allaap

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

सा – – – / .ध(k) .नि(k) सा – / .ध(k) .नि(k) सा ग(k) / म ग(k) सा –

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

सा ग(k) म – / ग(k) म ग(k) सा / .नि(k) सा .ध(k) .नि(k) / सा – – –

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

ग(k) म ध(k) म / ग(k) म ग(k) सा / .नि(k) सा .ध(k) .नि(k) / सा – – –

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

ग(k) म ध(k) – / ध(k) – म – / ग(k) म ग(k) सा / .नि(k) सा – –

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

ग(k) म ध(k) नि(k) / ध(k) – म – / ग(k) म ग(k) सा / नि(k) सा – –

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

ग(k) म ध(k) नि(k) / सां – नि(k) सां / सां नि(k) ध(k) म / ग(k) म ग(k) सा

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

सा ग(k) म – / ग(k) – सा – / .ध(k) .नि(k) सा ग(k) / सा – – –

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

सा ग(k) म – / ग(k) म ध(k) – / म ध(k) नि(k) – / ध(k) नि(k) सां – 

नव कलियन पर गुंजत भवरा

सां – – – / सां नि(k) ध(k) म / ग(k) म ग(k) सा / गम धनि(k) सांगं सां-

नव कलियन पर गुंजत भवरा

सां – – – / ध(k) नि(k) सां – / ध(k) नि(k) सां गं / मां गं सां –

16 मात्रा तान /  Matras Taan

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

साग(k) मम गम धध(k) / मध(k) निनि(k) धनि(k) सांसां / सांनि(k) धध(k) निध(k) मम / गम धम गम गसा

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

साग(k) साग(k) मग(k) मग(k) / गम गम धम धम / मध(k) मध(k) निध(k) निध(k) / सांनि(k) धम गम गसा

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

सासा गग(k) मम धध(k) / गग(k) मम धध(k) निनि(k) / मम धध(k) निनि(k) सांसां / सांगं सांनि(k) धम गसा

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

साग(k) मसा गम साग(k) / गम धग(k) मध(k) गम / मध(k) निम धनि(k) मध(k) / सांनि(k) धम गम गसा

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

गम धम गम धनि(k) / धम गम धनि(k) सांनि(k) / धम गम धनि(k) सांगं सां- / सांनि(k) धम गम गसा

कोयलिया बोले अंबुआ की डार पर

Malkauns Raag Details

मालकौंस राग के आरोह अवरोह पकड़ क्या हैं ?

आरोह- सा ग(k) म, ध(k) नि(k)सां।
अवरोह- सां नि(k) ध(k) म, ग(k) म ग(k) सा।
पकड़- ध(k) नि(k) स म, ग(k) म ग(k) सा।

मालकौंस राग की जाति क्या है ?

मालकौंस राग का गायन समय क्या है ?

गायन समय – रात्रि के तृतीय प्रहर , 12 am to 3 am

मालकौंस राग में कौन से स्वर लगते हैं ?

आरोह- सा ग(k) म, ध(k) नि(k)सां।
अवरोह- सां नि(k) ध(k) म, ग(k) म ग(k) सा।
पकड़- ध(k) नि(k) स म, ग(k) म ग(k) सा।

मालकौंस राग का ठाट क्या है ?

मालकौंस राग के वादी संवादी स्वर कौन से हैं ?

वादी -सम्वादी स्वर – म – सा

मालकौंस राग का परिचय क्या है ?

आरोह- सा ग म, ध नि सां।
अवरोह- सां नि ध म, ग म ग सा।
पकड़- .ध .नि स म, ग म ग सा।
थाट – भैरवी थाट
वर्जित स्वर – रे , प
वादी -सम्वादी स्वर – म – सा
जाति – औडव- औडव
गायन समय – रात्रि के तृतीय प्रहर

Malkauns raag Koyaliya bole ambuaa ki daar par-Bandish-Allap-Taan is described in this post of Saraswati Sangeet Sadhana..

Click here For english information of this post ..   

Some posts you may like this…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top