Shivmat Bhairav Raag

शिवमत भैरव राग Shivmat Bhairav Raag Bandish 16 Matras Allap Taan Music Notes In Hindi

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शिवमत भैरव राग की रचना भैरव थाट से मानी गई है। इसमें दोनों गंधार, दोनों निषाद, तथा ऋषभ- धैवत कोमल प्रयोग किये जाते हैं। जाति वक्र संम्पूर्ण है। वादी स्वर धैवत और संवादी ऋषभ है। गायन समय प्रातःकाल है।

Shivmat Bhairav Raag

Shivmat Bhairav Raag Parichay

आरोह- सा रे(k) ग म प ध(k) नि सां।

अवरोह- सां नि ध(k)प, नि(k) ध(k) प म ग म रे(k) सा, नि सा ग(k) रे(k) सा।

थाट – भैरव थाट

जाति -वक्र संम्पूर्ण

गायन समय – प्रातःकाल

वादी – संवादी – ध  – रे

विशेषता:-

नाम से स्पष्ट है कि यह भैरव का एक प्रकार है।

आरोह में शुद्ध और अवरोह में कोमल ग नि विशिष्ट स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं।

इसकी चलन वक्र है। कुछ विद्वान ने इसमें भैरव और तोड़ी मेल माना है।

शिवमत भैरव राग प्रश्न उत्तर –

शिवमत भैरव राग के आरोह अवरोह पकड़ क्या हैं ?

आरोह- सा रे(k) ग म प ध(k) नि सां।
अवरोह- सां नि ध(k)प, नि(k) ध(k) प म ग म रे(k) सा, नि सा ग(k) रे(k) सा।

शिवमत भैरव राग की जाति क्या है ?

जाति – वक्र संम्पूर्ण

शिवमत भैरव राग का गायन समय क्या है ?

गायन समय – प्रातःकाल

शिवमत भैरव राग में कौन से स्वर लगते हैं ?

आरोह- सा रे(k) ग म प ध(k) नि सां।
अवरोह- सां नि ध(k)प, नि(k) ध(k) प म ग म रे(k) सा, नि सा ग(k) रे(k) सा।

शिवमत भैरव राग का ठाट क्या है ?

थाट – भैरव थाट

शिवमत भैरव राग के वादी संवादी स्वर कौन से हैं ?

वादी – संवादी – ध  – रे

शिवमत भैरव राग का परिचय क्या है ?

शिवमत भैरव राग की रचना भैरव थाट से मानी गई है। इसमें दोनों गंधार, दोनों निषाद, तथा ऋषभ- धैवत कोमल प्रयोग किये जाते हैं। जाति वक्र संम्पूर्ण है। वादी स्वर धैवत और संवादी ऋषभ है। गायन समय प्रातःकाल है।

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