Kaphi Kanada Raag

काफी कान्हडा राग Kaphi Kanada Raag Bandish 16 Matras Allap Taan Music Notes In Hindi

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काफी कान्हडा राग को काफी थाट जन्य माना गया है। गंधार और निषाद कोमल तथा शेष स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते हैं। जाति वक्र सम्पूर्ण है। वादी स्वर पंचम और संवादी षडज माना जाता है। रात्रि के दूसरे प्रहर में इसे गाते बजाते है।

Kaphi Kanada Raag

Raag Parichay

आरोह- .नि(k) सा रे ग(k) म प ध नि(k) सां।

अवरोह- सां रें नि(k) ध प, म प,  ग(k) म रे सा।

थाट – काफी थाट

वादी -सम्वादी स्वर – प  सा

जाति – सम्पूर्ण – सम्पूर्ण

गायन समय – रात्रि के दूसरे प्रहर

विशेषता:-

स्वयं नाम से ही स्पष्ट है कि यह दो रागों, काफी और कान्हडा का मिश्रित रूप है। पूर्वांग में कान्हडा और उत्तरांग में काफी है।

इस राग का प्रत्येक आलाप ग म रे सा से समाप्त होता हैं। नि(k) प की संगति कांहडांग का परिचायक है।

गंधार पर मध्यम का कण लेते.हुये आंदोलित होता है। गंधार दो प्रकार से प्रयोग किया जाता है। जब कांहडांग से प्रयुक्त होता है तो आंदोलित होता है और जब काफी अंग से प्रयुक्त होता है तो साधारण होता है।

काफी कान्हडा राग प्रश्न उत्तर –

काफी कान्हडा राग के आरोह अवरोह पकड़ क्या हैं ?

आरोह- .नि(k) सा रे ग(k) म प ध नि(k) सां।
अवरोह- सां रें नि(k) ध प, म प,  ग(k) म रे सा।

काफी कान्हडा राग की जाति क्या है ?

जाति – सम्पूर्ण – सम्पूर्ण

 काफी कान्हडा राग का गायन समय क्या है ?

गायन समय – रात्रि के दूसरे प्रहर

 काफी कान्हडा राग में कौन से स्वर लगते हैं ?

आरोह- .नि(k) सा रे ग(k) म प ध नि(k) सां।
अवरोह- सां रें नि(k) ध प, म प,  ग(k) म रे सा।

काफी कान्हडा राग का ठाट क्या है ?

थाट – काफी थाट

काफी कान्हडा राग के वादी संवादी स्वर कौन से हैं ?

वादी -सम्वादी स्वर – प  सा


काफी कान्हडा राग का परिचय क्या है ?

काफी कान्हडा राग को काफी थाट जन्य माना गया है। गंधार और निषाद कोमल तथा शेष स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते हैं। जाति वक्र सम्पूर्ण है। वादी स्वर पंचम और संवादी षडज माना जाता है। रात्रि के दूसरे प्रहर में इसे गाते बजाते है।

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