Preveshika Pratham Vocal Syllabus In Hindi Gandharva Mahavidyalaya

4.2/5 - (5 votes)

Preveshika Pratham Vocal Syllabus In Hindi

गायन

परीक्षा के अंक

 पूर्णांक  : 75 

नियुनतम 26

क्रियात्मक : 60 

शास्त्र (मौखिक ) : 15

शास्त्र :

  • निम्नलिखित शब्दों की संक्षिप्त परिभाषाएँ :-

संगीत , ध्वनि, नाद , स्वर , शुद्ध स्वर , विकृत स्वर (कोमल स्वर , तीव्र स्वर ), वर्जित स्वर , सप्तक , मेल , अलंकार (पलटा ) , राग , जाती (औडव , षाडव, सम्पूर्ण ) , वादी , संवादी , पकड़ , आलाप , तान , स्वरमलिका , ( सरगम गीत ) लक्षण गीत , स्थायी , अंतरा , लय (विलंभित , मध्य , द्रुत ) , मात्रा , ताल , विभाग , सं , ताली , खाली , दुगुन , ठेका , वर्जित स्वर , आवर्तन इन सभी पारिभाषिक शब्दों का वर्णन पाठयक्रम के राग तथा तालों के उधारण ध्वरा स्पष्ट किया जाए ।

  • पाठ्यक्रम के रागों का शास्त्रीय ज्ञान : रागों के मेल (थाट) , स्वर , आरोह , आवरोह , पकड़ , मुख्य – स्वर समुदाय , समय, जाति , वादी , संवादी , वर्जित स्वर , आदि का विवरण ।
  • स्वरलिपि के चिन्हों का प्रारम्भिक ज्ञान ।

क्रियात्मक :

  • स्वरज्ञान : – सात शुद्ध स्वरों को गाना / बजाना , पहचानना । कोमल , तीव्र , स्वरों को गाना / बजाना तथा राग के स्वरों की सहायता से उनको पहचानना । निम्नलिखित शुद्ध स्वरों के पाँच सरल अलंकार विलंभित तथा मध्य लय में गाना / बजाना तथा हर अलंकार का प्रयोग पाठ्येक्रम के किसी एक राग में करना ।
  • सारे , रेग , गम ……….सां नि , नि ध , ध प
  • सा रे सा , रे ग रे , ग म ग , …. सां नि सां , नि ध नि , ध प ध (दादरा ताल में )
  • सा रे ग सा रे ग म , रे ग म रे ग म प …………(रूपक ताल में) ।
  • सा ग रे सा , रे म ग रे , ग प म ग …….(तीन ताल में ) ।
  • सा म , रे प , ग ध …………
  • राग ज्ञान : –

यमन ,काफी , खमज , भीमप्लासी ,बागेश्री , भूपली , देश , दुर्गा ।

  • एन सभी रागों के आरोह – अवरोह , पकड़ तथा प्रारभिक आलाप/ स्वर विस्तार ।
  • हर राग में मध्य लय का एक गीत अठुवा गत ।
  • एनमें से किनही 6 रागों में बंदिश / गत , आलाप / स्वरविस्तार , तान सहित अठुवा, गत तौड़ोसहित 5 मिनट तक गाने अथवा बजने की तैयारी ।
  • झपताल अथवा रूपक अठुवा एकताल में एक गीत , दो सरगम गीत तथा दो लक्षण गीत , एक द्रुपद (दुगुनसहित ) एक भजन इस प्रकार सात अतिरिक्त गीत पाठ्यक्रम के रागों में किए जाएँ । वादन के विधार्थियों के लिए त्रिताल के अतिरिक्त अन्य तालों में दो रचनाएँ , तथा एक धुन वाध्यानुकूल अलंकार विशिष्ट बोलों सहित किए जाएँ ।
  • मुख्य रागदार्श्क स्वरों ध्वरा राग पहचानना ।
  • “वन्देमातरम” और “जन गण मन ” यह राष्ट्र गीत गाना – बजाना आवश्यक है ।
  • ताल ज्ञान : – एकताल , चारताल ,झपताल की जानकारी तथा हाथ से ताल देकर बोलने का अभ्यास ।

अंक तालिका

सूचना : – इस परीक्षा के लिय हर एक विध्यार्थी को 15 मिनट का समय होगा । हर एक विध्यार्थी की परीक्षा अलग – अलग लेना आवश्यक है ।

हारमोनियम का उपयोग केवल आधार स्वर ( षडज – पंचम / माध्यम ) के लिए होगा । संगत करने की अनुमति केवल प्रथम राग गाते समय होगी ।

पूछे गए राग में आलाप तान के साथ बंदिश : 8 अंक  तथा अन्य एक राग में तीन आलाप या 5 तान के साथ बंदिश : 7 अंक । कुल : 15 अंक ।

एक अलंकार शुद्ध स्वरों में तथा एक किसी राग में : – 6 अंक ।

द्रुपद या वध्यानुकुल अलंकार थाह तथा दुगुन में : 5 अंक ।

तीन ताल को चोरकर अन्य में बंदिश : 5 अंक ।

 लक्षण गीत , भजन , सरगम गीत , धुन , वंदे मातरम तथा जन गण मन एन में से कोई तीन प्रकार : 12 अंक ।

 राग पहचानना ( तीन राग ) : 6 अंक ।

 स्वर पहचानना सा रे ग ,  ध नि , ग म प , म प नि इस प्रकार दो स्वर समूह 6 अंक ।

दो तालों की जानकारी तथा हाथ से ताल देकर ठेका बोल्न : 5 अंक ।

शस्त्रा (मौखिक) : –

एक राग की जानकारी : 5 अंक ।

किसी एक गीत / गत प्रकार या स्वर लिपि पध्दति की जानकारी : 4 अंक तथा अन्य तीन चोटी परिभाषाएँ : 6 अंक ।

कुल : – 15 अंक ।

सर्व योग : 75 अंक ।

2 thoughts on “Preveshika Pratham Vocal Syllabus In Hindi Gandharva Mahavidyalaya”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top