Preveshika Poorna Tabla Pakhawaj Syllabus In Hindi Gandharva Mahavidyalaya

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Preveshika Poorna Tabla Pakhawaj Syllabus In Hindi

तबला- पखावज

परीक्षा के अंक

पूर्णाक-125

शास्त्र-50

क्रियात्मक-75

शास्त्र

  • विलम्बित, मध्य और द्रुत लय का ज्ञान।
  • तबला/ पखावज के विभिन्न वर्ण और उन्हें अपने वाद्य पर निकालने की विधि।
  1. (अ) केवल दायें हाथ से बजने वाले वर्ण।
  2. (ब) केवल बायें हाथ से बजने वाले वर्ण।
  3. (स) दोनो हाथ से एकसाथ बजने वाले वर्ण।
  • निम्नलिखित बोलो की निकास विधि –   तिरकिट, तकडां, कड़धा, किटतक, धिड़नग, धिरधिर, त्रक, क्ड़धान, गदीगन।
  • पं० भातखंडे तथा पं० पलुस्कर ताललिपि पद्धतियों की संपूर्ण जानकारी।
  • निम्नलिखित तालों को दोनों ताललिपि पद्धतियों में लिपिबद्ध करने का अभ्यास। तबला: त्रिताल, दादरा, कहरवा, झपताल, रूपक।   पखावज: चौताल, सूलताल, तीव्रा, धमार तथा आदिताल।
  • त्रिताल/ चौताल तथा झपताल/ सूलताल के टुकड़ों को पं० भातखंडे ताललिपि पद्धति में लिपिबद्ध करने का अभ्यास।
  • निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा :- कायदा, रेला, पलटा, तिहाई, मुखडा, लग्गी, उठान, चक्रदार, मोहरा।

क्रियात्मक:-

  1. निम्नलिखित तालों के ठेकों को हाथ से ताल देकर दुगुन लय में बोलने तथा बजाने का अभ्यास: तबला: धुमाली,दीपचन्दी,चौताल, तेवरा। पखावज: धमार, तीव्रा, त्रिताल।
  2. इस वर्ष के शास्त्र पक्ष में उल्लेखित सभी बोलो को भलिभांति निकालने की क्षमता।
  3. निम्नलिखित तालों में विस्तार –

तबले के विद्यार्थी हेतु

  • त्रिताल- त्रक तथा धातीधागे का एक-एक कायदा, चार पलटे, तिहाई, एक रेला, चार किस्म एक चक्रदार, दो टुकड़े।
  • झपताल-एक कायदा, दो तिहाई।
  • एकताल- दो तिहाई, दो टुकड़े।
  • दादरा तथा कहरवा में दो सरल लग्गियाँ।
  • रूपक- दो किस्म, दो तिहाई, दो टुकड़े।

 पखावज के विद्यार्थियों हेतु –

  • चौताल- दो रेले, एक पडार, दो साधारण परने, दो चक्रदार परने तथा दो टुकड़े।
  • सूलताल- एक रेला, दो परने।
  • धमार- दो परने, दो तिहाईयां, दो टुकड़े।
  • तीव्रा- ठेके के दो प्रकार, दो परने,दो तिहाईयां।
  1. तबला छोटा ख्याल अथवा रज़ाखानी गत के साथ त्रिताल में संगत करने की क्षमता।

पखावजध्रुपद के साथ संगत करने की क्षमता।

  1. क्रियात्मक में लिखित सभी रचना प्रकारों हाथ से ताल देकर पढन्त।

अंक तालिका

  1. तालों के ठेके तथा उनको दुगुन में बजाना :10 अंक,
  2. निकास: 10 अंक,
  3. त्रिताल में वादन:05 अंक,
  4. झपताल, एकताल, रूपक में वादन: 15 अंक,
  5. दादरा तथा कहरवा में लग्गियाँ:05 अंक,
  6. साथ संगत (क्रियात्मक पाठ्यक्रम के अनुसार):05 अंक,
  7. हाथ से ताल देते हुए पढन्त:10 अंक,
  8. सामान्य प्रभाव:05 अंक।

कुल मौखिक=75 अंक।

सूचना:-

  1. हर एक विद्यार्थी को 20 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।
  2. विद्यार्थी को सभी वादन लहरा के साथ करना होगा।
  3. पखावज के लिये पाठ्यक्रमानुसार पखावज के ताल पूछे जायेंगे।

अ० भा० गांधर्व मण्डल, मुम्बई , तबला पखावज का   प्रारंभिक पाठ्यक्रम

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