Tabla Senior Diploma 5th Year Syllabus In Hindi
तबला
परीक्षा अंक
कुल अंक- 100
शास्त्र – 50
क्रियात्मक – 50
क्रियात्मक
- लय ज्ञान में निपुणता। अति विलम्बित, मध्य, द्रुत लयो में तबले पर विभिन्न तालों को गीतों, गतों और लहरों के साथ बजाने का समुचित अभ्यास। कुछ कठिन लयकारियों का ज्ञान तथा उन्हें ताली देकर बोलना जैसे-4 मात्रा में 5 मात्रा (सवागुन), 4 मात्रा में 3 मात्रा (पौनगुन), आड, कुआड़, बिआड़। तबला मिलाने में निपुणता।
- तबला अथवा पखावज पर पिछले वर्षों के तालों में विशेष तैयारी तथा उनमें सुन्दरता के साथ स्वतंत्र वादन( सोलो) की क्षमता।
- नए ताल- शिखर, ब्रह्म, रूद्र, लक्ष्मी तालों के ठेकों को ताली देकर बोलना और तबले अथवा मृदंग(पखावज) पर बजाना। गजझम्पा तथा मत तालों में सरल टुकड़े, परन आदि बजाना।
- तबले के विद्यार्थियों को मृदंग(पखावज) तथा मृदंग के विद्यार्थियों को तबले पर हाथ रख- रखाव का ज्ञान।
- प्रचलित गायन तथा तंत्र वादन शैलियों के साथ संगत करने का ज्ञान।
शास्त्र
- पाठ्यक्रम के सभी तालों के ठेकों का सभी लयकारियों में ताललिपि में लिखना। टुकड़े, परन आदि को भी ताल लिपि में लिखने का पूर्ण ज्ञान।
- विभिन्न मात्राओं के नये टुकड़े आदि बनाने तथा गणित द्वारा विविध लयकारियों के प्रारंभिक स्थान निकालने का ज्ञान।
- परिभाषा और व्याख्या- कुआड़, बिआड़, फरमाइशी बंदिशें( रचनायें), लोम- विलोम, सवागुन, पौनगुन आदि। दक्षिणी (कर्नाटकी) ताल, ताल-पद्धति का अध्ययन। विभिन्न अवनद्ध वाद्य और उनका संक्षिप्त परिचय। तबला और मृदंग का तुल्नात्मक अध्ययन और उनका इतिहास।
- ताल, आलाप, जोड, झाला तथा ध्रुपद, धमार, ख्याल, टप्पा, ठुमरी, तन्त्र वादन की गत तथा उनके प्रकारों( मसीतखानी और रज़ाखानी) की व्याख्या।
- समपदी तथा विसमपदी तालों का तुलनात्मक अध्ययन।
- प्रचलित ताल – लिपि पद्धति का तुल्नात्मक अध्धयन।
- समान मात्रा वाली तालों का तुलनात्मक अध्ययन।
- लय, ताल, अवनद्ध वाद्य और अन्य संगीत संबंधित सामान्य विषयों पर निबंध लिखने की क्षमता।
क्रियात्मक परीक्षा 100 अंकों की तथा शास्त्र का एक प्रश्न- पत्र 50 अंको का। पिछले वर्ष का पाठ्यक्रम भी सम्मिलित है।