Prarambhik Tabla Pakhawaj Syllabus In Hindi
तबला- पखावज
परीक्षा के अंक
पूर्णाक-50
न्यूनतम-18
क्रियात्मक 40
शास्त्र 10
शास्त्र
- निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा – मात्रा, ताल, सम, ताली, खाली, विभाग, दुगुन, आवर्तन।
क्रियात्मक:
- अपने वाद्य पर बजने वाले सभी प्रमुख स्वतंत्र वर्णों के वादन विधि का समुचित ज्ञान।
- अ.निम्न सभी तालों को ठाह और दुगुन में हाथ से ताली, खाली दिखाकर बोलने तथा बजाने की क्षमता । तबला: त्रिताल, झपताल, दादरा और कहरवा। पखावज: आदिताल, चौताल तथा सूलताल।
ब: रूपक/ तीवरा ताल को बराबर की लय में बोलने तथा बजाने की क्षमता।
- तबला में निम्नलिखित तालों का विस्तार – अ: त्रिताल में एक तिट एवं तिरकिट का कायदा व पलटे। ब: त्रिताल और झपताल में सम से सम तक कम से कम एक- एक तिहाई। पखावज में चौताल में धागेतिट तथा धूमकिट बोलयुक्त रचना प्रकारों का बराबर की लय में वादन।
अंक तालिका
1.परिभाषा:10 अंक,
- वर्ण तथा तालों के ठेके एकगुन व दुगुन में बजाना:10 अंक,
- तालों के ठेके हाथ पर ताल देकर पढना: 10 अंक,
- त्रिताल, झपताल में अभ्यासक्रम के अनुसार वादन: 12 अंक,
- रूपक में अभ्यासक्रम के अनुसार वादन: 3अंक,
- सामान्य प्रभाव: 5अंक,
- कुल 50 अंक व निर्धारित समय 10 मिनट।
अ० भा० गांधर्व मण्डल, मुम्बई , तबला पखावज का प्रारंभिक पाठ्यक्रम