- पखावज (कुदाऊ सिंह घराना) की अवधी परंपरा के प्रमुख प्रकाश में से एक, पागलदास एक मास्टर कलाकार थे, जो तपस्वी-संगीतकारों की एक अटूट श्रृंखला से संबंधित थे।
- बैजू बावरा के गुरु स्वामी हरिदास इस स्कूल के सबसे प्रसिद्ध प्रस्तावक हैं, बाबा अलाउद्दीन खान दूसरे हैं।
- समकालीन शब्दों में, पागलदास बिस्मिल्लाह खान (शहनाई) और पन्नालाल घोष (बांसुरी) के समान वर्ग में थे।
Pagal Das Biography In Hindi
जन्म विवरण –
जगह – देवरिया ,उत्तर परदेश
जन्म की तारीख – 1920
राष्ट्रीयता – भारतीय
अध्यापक – भगवानदासजी, बाबा ठाकुर दासजी और श्री राम मोहिनी शरणजी
प्रारंभिक जीवन-
- स्वामी पागल दास के नाम से सुविख्यात रामशंकर दस जी का जन्म 15अगस्त 1920 को उत्तर परदेश के देवरिया जनपद के ग्राम मझोली में हुआ
- उन्होंने सबसे पहले पटना के स्वर्गीय नेपाल सिंह पिटवांस और फिर स्वामी भगवानदासजी, बाबा ठाकुर दासजी और श्री राम मोहिनी शरणजी के तहत मृदंग सीखा।
- बाद में उन्होंने पंडित संतशरण ‘मस्त’ से तबले की तालीम ली। पंडित- जी ने अपने युवा शिष्य को सलाह दी कि वह अपने छंदों को लिखने के लिए ‘पागल (पागल)’ को अपने नोम-डी-प्लम के रूप में अपनाएं। कलम-नाम कवि-संगीतकार से चिपक गया।
- आप कई दशको तक मंचीय अभिनय से जोड़े रहे और साथ साथ पखावज वादन तथा गायन की शिक्षा भी प्राप्त करते रहे
- आपके गुरुओ में सर्व श्री रामकृष्ण दास ,स्वामी भगवन दास ,ठाकुर दास जैसे नाम उलेखनीय है.
- पखवाज वादन में आप महाराज कुदउ सिंह घराना तथा अवघी घराने का प्रतिनिधितव करते थे पहले आप तबला भी बजाते थे परन्तु 1962 में उसे त्याग कर पखावज को उच्च स्थान पर प्रतिष्ठित करने में अपना जीवन अर्पित कर दिया.
आजीविका –
- अयोध्या में हनुमत विश्व संगीताश्रम की स्थापना कर शिक्षा दीक्षा में जीवन आर्पण करने वाले स्वामी पागल दास के अनेक शिष्य देश विदेश में फैले हुए है आपको विधालयीन शिक्षा बहुत कम मिली थी .
- परन्तु स्वाध्याय और प्रतिभा के कारण आपने मृदंग (तीन भाग ) और तबला कोमुदी (तीन भाग ) नामक पुस्तके लिखी है आप आकाशवाणी के उच्च कलाकार थे |
• ताल विलास
• संगीत नाटक अकादमी पुरुस्कार
• मृदंग केसरी
• पखवाज रत्न
अन्य सूचना –
- मौत की तिथि – 20 जनवरी, 1997
- जगह – अयोध्या
Question Related to Name
पागल दास का जन्म कहाँ और कब हुआ था ?
पागल दास का 1920 में देवरिया ,उत्तर परदेश राज्य में हुआ था .
पागल दास के शिक्षक कौन थे?
पागल दास के शिक्षक भगवानदासजी, बाबा ठाकुर दासजी और श्री राम मोहिनी शरणजी थे .
पागल दास का पूरा नाम क्या है ?
पागल दास का पूरा रामशंकर दास था.
पागल दास को कौन कौन से पुरस्कार मिले थे ?
पागल दास को ताल विलास, संगीत नाटक अकादमी पुरुस्कार, मृदंग केसरी, पखवाज रत्न सम्मानित किया गया था .
पागल दास की म्रत्यु कब हुई थी ?
पागल दास की म्रत्यु 20 जनवरी, 1997 में अयोध्या में हुई थी