Odissi Nritya Visharad Final Syllabus In Hindi Pracheen Kala Kendra

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Odissi Nritya Visharad Final Syllabus

उड़ीसी नृत्य

परीक्षा के अंक

पूर्णांक : ३००

प्रथम प्रश्न पत्र:५०

द्वितीय प्रश्न पत्र:५०

शास्त्र -१००

क्रियात्मक-१२५

मंच प्रदर्शन :२५  

शास्त्र

प्रथम प्रश्न पत्र

(1).अभिनय तथा इसके प्रकार

(2).नायक तथा नायिका में भेद

(3).पाट भेट तथा मण्डल भेद का ज्ञान।

(4).उड़ीसी नृत्य में प्रयोग होने वाली वेषभूषा रंग भूषा  तथा रंगमंच का ज्ञाना

(5).लास्य तथा ताण्डव विभिन्न प्रकार ।

(6).रंगाधिदेव स्तुति, देव हस्त, दशावतार हस्त, जाति हस्त (ब्रह्मणक्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, बान्धव, नवग्रह हस्त का ज्ञान ) ।

(7).भारत के समस्त शास्त्रीय नृत्यों का संक्षेप में इतिहास।

(8).दक्षिणी ताल समूहों को प्रत्येक जाति में लिखने का अभ्यास।

(9).उड़ीसी नृत्य के विभिन्न युगों में हुए विकास के प्रसंग ग्रन्थों का अध्यन |

(10).उड़ीसी लोक नृत्यों का ज्ञान।

(11).उड़ीसी नृत्य में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न वाद्य यंत्रों के बारे में ज्ञान

(12)उड़ीसी नृत्य में प्रयुक्त होने वाले सभी पारिभाषिक शब्दों का ज्ञान

(13).समूह तथा बैले नृत्यों की संरचना के नियमों की जानकारी।

(14).नवीन विषयों पर नृत्य निर्देशन करने की क्षमता।

(15).उड़ीसी नृत्य से सम्बन्धित शरीर के विभिन्न अंगों के संचालन का ज्ञान

(16). निबन्ध लेखन की क्षमता।

(17).निम्नलिखित उड़ीसी नृत्य कलाकारों का जीवन परिचय एवं उनका  योगदान

(18).उड़ीसी नृत्य से सम्बन्धित ग्रंथों का अध्ययन।

(19).दक्षिण भारतीय लोक नृत्यों का ज्ञान एवं उनकी विशेषताएं ।

द्वितीय प्रश्न पत्र

(1).दक्षिणी तथा उत्तरी ताल पद्धतियों का अध्ययन तथा गुरू, लघु, द्रुत अनुदुत वर्णन के साथ उड़ीसी तालों का प्रयोग।

(2).निम्नलिखित से सम्बन्धित हस्त मुद्राओं का ज्ञान:-चार जातियां , सम्बन्धी , अवतार , नवग्रह , देवता।

(3).नृत्य  से सम्बन्धित किन्ही पांच विषयों पर आधारित भारतीय पौराणिक कथाओं का अध्ययन।

(4).उड़ीसी मूर्तिकला के विशेष प्रसंग में देश के विभिन्न भागों में विद्यमान मूर्तियों का अध्ययन।नटराज मूर्तियों का अध्ययन।

(5).छाऊ – नृत्य का उद्गम तथा इसकी प्रमुख विशेषताएं।

(6).निम्नलिखित का ज्ञान:- उड़ीसी दण्ड, नृत्य, रामलीला, कृष्णलीला तथा यात्रा।

(7).निम्नलिखित का अध्ययनः -नृत्य नाटिका तथा ऑपेरा

(8).ताल का उदग्म तथा उसके दस प्राण।

(9).भारतीय मंच सज्जा, प्रकाश, रंगभूषा तथा नृत्य कला आदि के इतिहास का ज्ञान।

(10).23 संयुक्त हस्त मुद्राओं का संपूर्ण प्रयोग तथा उड़ीसी नृत्य में उनका प्रयोग

(11).अभिनय तथा उसके चारों भागों के विषय में विस्तारपूर्वक अध्ययन

(12).जगन्नाथ धर्म तथा उड़ीसी नृत्य का संपूर्ण ज्ञान।

(13).लास्य तथा ताण्डव की विभिन्न विशेषताओं की जानकारी।

(14).नवरस के विषय में संपूर्ण जानकारी तथा उड़ीसी नृत्य में इसका महत्व |

(15). प्रथम वर्ष से इस वर्ष तक की समस्त तालों को लिपिबद्ध करने की क्षमता।

क्रियात्मक

(1).बेनूधर, बनमाली, गोपाल कृष्ण रचित रचना पर स्थायी तथा संचार भाव सहित गीताभिनय।

(2).दस तालों का कठिन खण्डी तथा अरसा अभ्यास।

(3).संचारी सहित गीत गोविन्द तथा चपु का एक-एक पद ।

(4).नायक तथा नायिका का अभिनय प्रर्दशन।

(5).उड़ीसा के सभी प्रकार के लोक नृत्यों तथा आधुनिक नृत्यों अभ्यास ।

(6).गाना गाकर नृत्य करने की क्षमता ।

(7).उड़ीसी राग तथा रागनियों का क्रियात्मक ज्ञान।

(8).मण्डल के विभिन्न पहलुओं का क्रियात्मक ज्ञान।

(9).निम्नलिखित नृत्य शैलियों में से एक का क्रियात्मक ज्ञान:-भरत नाट्यम, कत्थक, मणिपुरी।

(10).निम्नलिखित हस्त मुद्राओं का क्रियात्मक ज्ञान:-

(क) दशावतार हस्त

(ख) चार जातियां हस्ता

(ग) अवतार हस्ता

(घ)सम्बन्धी हस्त।

(11).राजारानी, कपिलेश्वरा, गौरी मन्दिर तथा परसूरामेश्वरा में वर्णितन नृत्य मुद्राओ का ज्ञान तथा प्रदर्शन करने की योग्यता

(12).पूर्व वर्षों से लेकर इस वर्ष तक की पाठ्यक्रम में वर्णित समस्त तालों पर नृत्य करने की क्षमता।

(13).नृत्त, नृत्य तथा नाट्य पर क्रियात्मक रूप से अंतर स्पष्ट करने की योग्यता।

(14).पढ़त करने का अभ्यास।

(15).नवीन विषयों पर नृत्य निर्देशन करने का क्रियात्मक ज्ञान।

मंच प्रदर्शन :

(1).परीक्षार्थी को कम से कम ३० मिनट तक नृत्य प्रदर्शन करनेकी क्षमता।

टिप्पणी: -पूर्व वर्षो का पाठयक्रम संयुक्त रहेगा।

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