जो संगीत अनादी काल में गंधर्व लोग उपयोग किया करते थे और जिसका उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति था वह संगीत मार्गी या गंधर्व संगीत कहलाता है कहते है कि सर्वप्रथम ब्रह्मा ने भरत को और भरत ने गांधर्वो को मार्गी संगीत की शिक्षा दी।
मार्गी संगीत व देशी संगीत –
मार्गी संगीत अथवा गांधर्व संगीत –
जो संगीत अनादी काल में गंधर्व लोग उपयोग किया करते थे और जिसका उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति था वह संगीत मार्गी या गंधर्व संगीत कहलाता है कहते है कि सर्वप्रथम ब्रह्मा ने भरत को और भरत ने गांधर्वो को मार्गी संगीत की शिक्षा दी।
यह संगीत मोक्ष प्राप्ति में मार्ग दिखाने वाला था इसलिए इसे मार्गी संगीत कहते हैं
गंधर्व लोग इसका प्रयोग करते थे इसलिए गंधर्व संगीत के नाम से भी जाना जाता है
मार्गी संगीत की विशेषताएं-
(1) मार्गी संगीत शब्द प्रधान होता था ।
(2) मार्गी संगीत के नियम कठोर होते थे और इसका पालन करना अनिवार्य था ।
(3) मार्गी संगीत में परिवर्तन नहीं किया जा सकता ।
(4) मार्गी संगीत मोक्ष प्राप्ति में मार्ग दिखने वाला संगीत था ।
(5) मार्गी संगीत ईश्वर द्वारा निर्मित माना गया है और इसकी रचना ब्रह्मा जी ने की ।
(6) अब मार्गी संगीत का चलन में नहीं है नाहीं गंधर्व हैं यह संगीत लुप्त हो चूका है ।
देशी संगीत अथवा गान–
जिस संगीत को संगीतकारों ने अपनी बुद्धि के द्वारा उत्पन किया और जिसका उद्देश्य लोक मनोरंजन था वह संगीत देशी संगीत या गान कहलाया ।
पंडित शारंगदेव के समय में भी देशी संगीत का सर्वत्र प्रचार था। आज हिन्दुस्तानी संगीत जो अपने यहाँ प्रचलित है, वह शारंगदेव काल में प्रचलित देशी संगीत से बिल्कुल अलग है। देशी संगीत
परिवर्तनशील है। यह सर्वसम्मत है। यह सदा जन-रंजन हेतु होने के कारण लोक- रूचि पर आधारित है, यह सभी मानते हैं।
मार्गी संगीत और देशी संगीत में अन्तर-
No. | मार्गी संगीत | देसी संगीत |
1 | शब्द प्रधान संगीत | स्वर प्रधान संगीत |
2 | ईश्वर द्वारा निर्मित | मनुष्य द्वारा निर्मित |
3 | मार्गी संगीत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाने वाला है | देशी संगीत का उद्देश्य केवल मनोरंजन है। |
4 | इसके नियम कठोर हैं | इसके नियम नियम कठोर नहीं होते |
5 | मार्गी संगीत समाप्त हो चुका है | देशी संगीत चलन में है |
मार्गी व देशी संगीत प्रश्न उत्तर –
मार्गी संगीत क्या है ? मार्गी संगीत किसे कहते हैं ? मार्गी संगीत का आविष्कारक किसे माना जाता है ?
देसी संगीत क्या है ?
आजकल जिस संगीत का प्रचार है,अथवा जिस संगीत को हम लोग प्रयोग करते है, देशी संगीत अथवा गान कहलाता है। हमारे पूर्वज ने यह अनुभव किया कि संगीत में मोक्ष प्राप्त करने की आध्यात्मिक गुण के अलावा एक ऐसा भी गुण है, जिससे लोगों का मनोरंजन हो सकता है। संगीत में मनोरंजन शक्ति होने के कारण जनता में देशी संगीत प्रचलित हुआ।
क्या मार्गी संगीत को गांधर्व संगीत भी कहा जाता है ?
हाँ जो मोक्ष प्राप्त करने का साधन माना जाता था, उसे मार्गी संगीत और गांधर्व संगीत कहते थे। कहते है कि सर्वप्रथम ब्रह्मा ने भरत को और भरत ने गांधर्वो को मार्गी संगीत की शिक्षा दी। गांधर्व लोग मार्गी संगीत में प्रवीण होते थे, शायद इसलिये इसे गांधर्व संगीत भी.कहा जाता था।
मार्गी संगीत का दूसरा नाम क्या है ?
मार्गी संगीत का दूसरा नाम गंधर्व संगीत है
गंधर्व संगीत का उद्देश्य क्या था ?
यह संगीत मोक्ष प्राप्ति में मार्ग दिखाने वाला था इसलिए इसे मार्गी संगीत कहते हैं गंधर्व लोग इसका प्रयोग करते थे इसलिए गंधर्व संगीत के नाम से भी जाना जाता है
जन मनोरंजन के लिए किस संगीत का प्रयोग होता है ?
जन मनोरंजन के लिए देशी संगीत का प्रयोग होता है
शब्द प्रदान संगीत का नाम क्या है ?
शब्द प्रदान संगीत का नाम गंधर्व या मार्गी संगीत है
देशी संगीत का दूसरा नाम क्या है ?
देशी संगीत को गान के नाम से भी जाना जाता है