Bhav Sangeet Bhushan Part 2 Syllabus
भाव संगीत
परीक्षा के अंक
पूर्णाक:१५०
शास्त्र-५० ,
क्रियात्मक-१००
शास्त्र
- परिभाषा–थाट,वर्ण, अनुवादी, राग और उसकी जातियां,संवादी,विवादी,अंतरा, संचारी,आभोग,आवर्तन, ठेका।
- इस वर्ष में निर्धारित राग समूह का पूर्ण परिचय जानना आवश्यक है।
- संक्षिप्त परिचय–बाउल, भटियाली,होरी, कजरी और कीर्तन।
- वाद्य का परिचय–तबला।
- पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे स्वरलिपि पद्धति की जानकारी।
- निर्धारित ताल समूह के ठेके के बोल ठाह और दुगुन लयकारियों में लिखने का अभ्यास।
- लिखित स्वर समूह को देखकर राग की पहचान।
- जीवनी-काजी नज़रूल इसलाम,कबीर और पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर।
क्रियात्मक
- भैरव और काफी राग के आरोह-अवरोह पर पांच कठिन अलंकारों का अभ्यास।
- निम्नलिखित राग समूह में छोटा ख्याल जानना आवश्यक है- भैरव,काफी और यमन।
- निम्नलिखित गीत गाने का अभ्यास-
- बंग भाषा भाषी के लिये अपनें अपनें प्रदेश का लोक गीत(एक),रवीन्द्र संगीत (एक),नज़रूल गीत(एक), भजन(दो), स्वदेश गान(एक),अतुल प्रसाद(एक), राग बद्ध (दो) (राग भैरवी तथा बिहाग)
- अन्य भाषा भाषियों के लिये अपने अपने प्रदेश का लोक गीत (एक),भजन (दो),स्वदेश गान (एक),राग बद्ध कोई गीत(दो) राग भैरवी तथा बिहाग तथा राष्ट्रीय गीत।
- तीवरा तथा झपताल ताल के ठेकों के बोल ठाह और दुगुन लय में हाथ पर ताली खाली दिखाकर बोलने का अभ्यास।
टिप्पणी–पूर्व वर्षों का पाठ्यक्रम संयुक्त रहेगा।