स्व० कुदऊ सिंह अपने समय के बड़े प्रसिद्ध पखावजी थे। तत्कालीन दतिया, समथर, ग्वालियर आदि रियासतों में आपको बड़ा सम्मान मिला।
आपका जन्म उन्नीसवी शताब्दी के पूर्वार्ध में और मृत्यु उत्तरार्ध में हुआ। आपके गुरू का नाम लाला भगवान सिंह था ।
Kudau Singh Biography In Hindi
जन्म विवरण –
जगह – बांदा, उत्तर प्रदेश
जन्म की तारीख – 1815
राष्ट्रीयता – भारतीय
परिवार
पिता – गप्पा
अध्यापक – लाला भगवान सिंह
प्रारंभिक जीवन –
- कुदाऊ सिंह को भारत के महानतम पंखावज खिलाड़ियों में से एक के रूप में याद किया जाता है।
- कुदौ सिंह का जन्म 1815 में उत्तर प्रदेश के बांदा में हुआ था। उनके पिता का नाम गप्पा था।
- जब वह केवल नौ वर्ष का था, उसने अपने माता-पिता को खो दिया और कहा कि वह इधर-उधर भटक रहा है।
- उन्होंने प्रसिद्ध मृदंग वादक श्रीदास और भगवान सिंह से पखावज बजाने की विभिन्न तकनीकें सीखीं।
- कुदऊ सिंह देवी के परम भक्त थे और पखावज बजाने के पूर्व देवी की आराधना अवश्य किया करते थें।
- कहते हैं कि एक बार धौलपुर रियासत में जब आप बाजार से गुजर रहे थे तो वहां के नरेश की सवारी जा रही थी ।
- हरकारा जो आगे दौड़ रहा था उसने आपसे हटने के लिये कह दिया । उसके कहने का ढंग आपको अच्छा न लगा ।
- आपने उसे दो-चार झापड़ लगा दिये अतः वहां के सैनिकों ने आपकों जेल में बन्द कर दिया।
- आप जेल मे ही दिन रात दीवाल को ही पीटते रहते। कुछ दिनों के बाद उस राज्य में एक ध्रुपद गायक आया।
- उसके साथ कोई भी वादक पखावज नहीं बजा सका। अन्त में आप बुलाये गये और आपने उसके गर्व को चूर कर दिया। उसके बाद से आप जेल से मुक्त कर दिया गये।
आजीविका –
- कुदौ सिंह ने कई जटिल और मजबूत सिलेबल्स पेश किए, जिन्हें बजाने में काफी ताकत की जरूरत होती है।
- उन्होंने बहुत सारे ‘पारन’ बनाए और उनमें से अधिकांश को एक गायन पूरा करने के लिए चौबीस ‘ताल’ (चक्र) की आवश्यकता थी।
- इवेंट में हथेली के पिछले हिस्से का इस्तेमाल शक्तिशाली स्ट्रोक देने के लिए किया जाता था।
- उन्होंने भारत के विभिन्न कोनों में अपने शो भी प्रस्तुत किए।
पुरस्कार –
- ‘कुंवरदास’ की उपाधि
- ‘सदा कुँवर’ की उपाधि
अन्य सूचना –
- मौत की तिथि – 1910
Question Related to Kudau Singh
कुदाऊ सिंह महाराज का जन्म कहाँ और कब हुआ था ?
कुदाऊ सिंह का जन्म 1815 में बांदा, उत्तर प्रदेश राज्य में हुआ था .
कुदाऊ सिंह के पिता का नाम क्या था ?
कुदाऊ सिंह के पिता का नाम गप्पा था .
कुदाऊ सिंह ने के शिक्षक कौन थे ?
कुदाऊ सिंह के शिक्षक का नाम लाला भगवान सिंह था .
कुदाऊ सिंह को कौन से उपाधि से सम्मानित किया गया था ?
कुदाऊ सिंह को ‘कुंवरदास’ की उपाधि और ‘सदा कुँवर’ की उपाधि सम्मानित किया गया था .
कुदाऊ सिंह की म्रत्यु कब हुई थी ?
कुदाऊ सिंह की म्रत्यु 1910 में हुई थी