Kuchipudi Nritya Visharad Final Syllabus In Hindi
कुचीपुडी नृत्य
परीक्षा के अंक
विशारद पूर्ण नृत्य
पूर्णाक : ३००
शास्त्र- १००
प्रथम प्रश्न पत्र- ५०
द्वितीय प्रश्न पत्र- ५०
क्रियात्मक – १२५
मंच प्रदर्शन- ७५
शास्त्र
प्रथम प्रश्न पत्र
(1).कुचीपुड़ी शास्त्रीय नृत्य के संस्थापक सिद्वेन्द्रा योगी का संपूर्ण जीवन परिचय एवं उनका योगदान।
(2).जादा , द्रुतानतम अथवा जादा भारतम ज्ञान ।
(3).प्राचीन युग में स्त्रियों एवं पुरुषों द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले
(4).आभूषणों का संपूर्ण विवरण ।
(5).कुचीपुड़ी नृत्य के लोकप्रिय राग एव नृत्य में संगीत की आवश्यकता का ज्ञान
(6).कुचीपुड़ी नृत्य एवं नृत्य नाटिकाओं में साहित्य तथाजाति स्वरा की महत्वत्ता
(7).चतुरविधा अभिनय का संपूर्ण ज्ञान भाव तथा रस की परिभाषा तथा उनमें आपसी सम्बन्ध का संपूर्ण ज्ञान।
(8).अभिनय दर्पण अनुसार सभा लक्षणा का श्लोक सहित संपूर्ण ज्ञान ।
(9).कुचीपुड़ी नृत्य शैली में प्रयुक्त होने वाले सभी पारिभाषिक शब्दों का ज्ञान
(10).कुचीपुड़ी, भरतनाट्यम तथा कथकली नृत्य शैलियों में वाली वेशभूषा रंगभूषा एवं साज सज्जा का तुलनात्मक अध्ययन |
(11).निम्नलिखित की संक्षिप्त जानकारी: –
- वेनी व्ररूथानथम
- वाचनम
- हास्यम
- तेरा
- दरवयू
- जरजानम
- मुक्तायमपू
(12).नवीन रचनाओं पर आधारित नृत्य निर्देशन करने की क्षमता ।
(13).निबन्ध लेखन की क्षमता:-
- सुगम एवं शास्त्रीय नृत्य
- भारतीय तन्त्र वाद्य समूह
- पश्चिम में भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की बढ़ती लोकप्रियता
- भारतीय शास्त्रीय संगीत में वाद्य यन्त्रों की महत्वत्ता।
(14).भारतीय रंगमंच का इतिहास, मंच सज्जा, प्रकाश व्यवस्था, रूप सज्जा, निर्देशन एवं ज्ञान ।
द्वितीय प्रश्न पत्र
(1).तालों की उत्पत्ति का संक्षिप्त इतिहास ।
(2).कर्नाटकी ताल पद्धति का ज्ञान, हिन्दुस्तानी ताल पद्धति का प्रयोग। लघु, गुरू, द्रुत तथा अनुद्रुत का संपूर्ण परिचय ।
(3).23 संयुक्त हस्त मुद्राओं का ज्ञान तथा भारतीय नृत्यों में इनका प्रयोग ।
(4).कुचीपुड़ी नृत्य में प्रयोग होने वाली मुद्राओं का संपूर्ण ज्ञान, रस तथा भाव से इनका सम्बन्ध ।
(5).दक्षिण भारतीय शास्त्रीय, सुगम एवं लोक नृत्यों से लय का सम्बन्ध ।
(6).एकल, युगल एवं समूह नृत्यों के मूल सिद्धांत एवं प्रस्तुतिकरण के नियम ।
(7).निबन्ध लेखन:-
क्रियात्मक
(1).गोला कलापम प्रवेशा दरवयू का क्रियात्मक ज्ञान ।
(2).भामा कलापम में श्री कृष्ण प्रवेशा दरवयू
(3).वादा – समवादा दरवयू ऑफ कृष्णा तथा भामा में सत्याभामा ।
(4).सत्या भामा लेखा का भगवान कृष्ण के प्रति अभिनय प्रदर्शन का ज्ञान । श्रीमद रत्नाकारा
(5).नव रस के किसी श्लोक पर नृत्य प्रस्तुतिकरण की क्षमता ।
(6).किसी तिल्लाना पर नृत्य प्रदर्शन ।
(7).त्याग राजा कीर्तनम ।
(8).अन्नामाचार्य कीर्तना पर प्रदर्शन |
(9).तारंगम का क्रियात्मक अभ्यास ।
(10).निम्नलिखित में क्रियात्मक रूप में अंतर स्पष्ट करने की योग्यता:-
- लास्य तथा ताण्डव,नृत्या
- नृत्त तथा नाट्य
- नायक तथा नायिका भेद ।
(11).क्षेत्रया पदम –
- लड़कियों के लिए पराकिया नायिका
- लड़कों के लिए उपा पथि नायक
(12).कुचीपुड़ी नृत्यमें प्रयुक्त की जाने वाली तालों पर पढ़ंत पढ़ने का अभ्यास ।
मंच प्रदर्शन:-
(1).परीक्षार्थी को कम से कम 25 मिनट तक मंच पर पाठ्यक्रम में निर्धारित नृत्य करना होगा ।
टिप्पणी – पूर्व वर्षो का पाठ्यक्रम संयुक्त रहेगा ।