खमाज राग की रचना खमाज थाट से मानी गई हैं। इसके आरोह में ऋषभ वर्जित है और अवरोह में सातो स्वर प्रयोग किये जाते हैं। इसलिये इसकी जाति षाडव-सम्पूर्ण है। इसके आरोह में शुद्ध और अवरोह में कोमल निषाद प्रयोग किया जाता है। शेष स्वर शुद्ध लगते हैं। वादी स्वर गंधार और सम्वादी निषाद माना जाता है। गायन-समय रात्रि का द्वितीय प्रहर है।
आरोहन में रे वर्जित कर, गावत राग खमाज ।
द्वितीय प्रहर निशि गाइये, रखिये ग-नि सम्वाद ।।
Khamaj Raag
खमाज राग
Khamaj Raag Parichay in Hindi
आरोह :- सा ग म प ध नि सां ।
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा ।
पकड :- नि ध – , म प ध – , म ग , प म ग रे सा
थाट :- खमाज थाट
जाति :- षाडव – सम्पूर्ण (6,7 )
वादी – संवादी स्वर :- ग – नि
गायन समय :- रात्रि का दूसरा प्रहर ।
खमाज राग की विशेषता –
- यह चंचल प्रकृति का राग हैं ,अत: इसमें छोटा ख्याल ,ठुमरी और टप्पा गायी जाती है । इसमें विलंबित ख्याल गाने का प्रचार नहीं है ।
- कल्याण राग के समान यह भी एक आश्रय राग है ।
न्यास के स्वर – सा ,ग और प
मिलते जुलते राग – तिलंग
तिलंग –ग म प नि सां ,नि प ग म ग
खमाज – ग म प ध नि सां ,नि ध – म प ध – म ग
राग खमाज छोटा खयाल
Khamaj Raag Bandish / राग खमाज की बंदिश
बन्दिश–
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
सब दुख हरना भव निसतरना
अंतरा
शुद्ध भाव धर अंत; करना
सुर नर किन्नर वंदित चरणा
तीन ताल
एक गुन में लिखने का तरीका –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 |
बोल | धा | धिं | धिं | धा | धा | धिं | धिं | धा | धा | तिं | तिं | ता | ता | धिं | धिं | धा |
चिन्ह | x | 2 | 0 | 3 |
इस राग में बंदिश 9 वी मात्रा से प्रारम्भ होती है ।
Khamaj Raag bandish with Notation
Sthai
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
न म न क / रूँ – में – / स त गु रु / च र णा –
सां सां नि नि / ध प म ग / ग म प ध / नि नि सां –
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
स ब दु ख / ह र ना – / भ व नि स / त र ना –
सां सां गं मं / गं रें सां नि / नि नि सां सां / सां नि ध प
Stanza
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
शु – द्ध भा / – व ध र / अं – त; – / क र ना –
ग म प ध / नि नि सां – / नि – सां सां / सां नि ध प
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
सु र न र / कि न न र / वं – दि त / च र णा –
सां सां गं मं / गं रें सां नि / नि – सां सां / सां नि ध प
Khamaj raag Allap Taan in Hindi
Khamaj Raag Alap
16 Matras Allaap
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
सा ग – – / म प – – / ग म ग – / रे – सा –
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
ग म प – / नि – ध प / म प म ग / – – – –
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
ग म प – / ग म ग – / सां नि ध प / म ग रे सा
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
ग म प – / नि ध प – / म प ध म / ग – – –
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
ग म प ध / नि – सां – / नि ध प – / म प म ग –
शुद्ध भाव धर अंत; करना
सां – – – / नि ध प – / ग म प घ / नि नि सां –
शुद्ध भाव धर अंत; करना
सां – नि सां / गं – रें सां / सां नि ध प / म ग – –
Khamaj raag 8 Matras Taan
नमन करूँ में
ग म प ध / नि नि सां – / सां नि ध प / म ग रे सा
नमन करूँ में
ग म प म / ग म प म / ग म प ध / नि नि सां –
नमन करूँ में
ग म प ध / नि नि सां – / नि नि सां – / नि नि सां –
नमन करूँ में
ग म प ध / नि सां नि ध / ग म प ध / नि नि सां –
नमन करूँ में
ग म प ध / सां नि ध प / नि नि ध प / म ग रे सा
नमन करूँ में
ग म प ध / नि नि सां – / नि सां रें सां / नि ध प –
शुद्ध भाव धर
सां नि ध सां नि ध सां नि / सां नि ध प / म ग रे सा
शुद्ध भाव धर
सां नि ध प / म ग रे सा / ग म प ध / नि नि सां –
शुद्ध भाव धर अंत; करना
सुर नर किन्नर वंदित चरणा
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
सब दुख हरना भव निसतरना
Khamaj raag 16 Matras Taan
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
साग मम गम पप / मप धध पध निनि / धनि सांसां धनि सांसां / सांनि धप मग रेसा
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
गम गम गम पम / गम पध निध पम / गम पध निनि सां – / सांनि धप मग रेसा
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
साग साग मग मग / साग मप मप मग / गम पध सांनि धप / सांनि धप मग रेसा
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
साग साग साग मग / साग मप धप मग / साग मप धनि धप / सानि धप मग रेसा
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
गम गम गम पम / गम पध निध पम / गम पध निसां निध / सांनि धप मग रेसा
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
सांगं माँगं रेंसां निसां / निसां रेंसां निध पम / गम पध निसां निध / सांनि धप मग रेसा
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
शुद्ध भाव धर अंत; करना
सांनि धसां निध सांनि / सांनि धप मग रेसा / गम पध निनि सां / सांनि धप मग रेसा
शुद्ध भाव धर अंत; करना
सुर नर किन्नर वंदित चरणा
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
सब दुख हरना भव निसतरना
24 Matras Taan
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
साग साग साग मग / साग मप मग साग / मप धप मग साग / मप धनि धप मग / सांनि धप मग रेसा / निनि धप मग रेसा / नमन करूँ में
नमन करूँ में सतगुरु चरणा
सब दुख हरना भव निसतरना
नमन करूँ में नमन करूँ में नमन करूँ में सतगुरु चरणा।
Khamaj Raag Details
राग खमाज की पकड़ क्या है ?
पकड :- नि ध – , म प ध – , म ग , प म ग रे सा
राग खमाज की जाति क्या है ?
जाति :- षाडव – सम्पूर्ण (6,7 )
राग खमाज का गायन समय क्या है ?
गायन समय :- रात्रि का दूसरा प्रहर ।
खमाज राग के वादी संवादी स्वर क्या हैं ?
वादी – संवादी स्वर :- ग – नि
खमाज राग के आरोह अवरोह पकड़ क्या है ?
आरोह :- सा ग म प ध नि सां ।
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा ।
पकड :- नि ध – , म प ध – , म ग , प म ग रे सा
खमाज राग का परिचय क्या है ?
आरोह :- सा ग म प ध नि सां ।
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा ।
पकड :- नि ध – , म प ध – , म ग , प म ग रे सा
थाट :- खमाज थाट
जाति :- षाडव – सम्पूर्ण (6,7 )
वादी – संवादी स्वर :- ग – नि
गायन समय :- रात्रि का दूसरा प्रहर ।
खमाज राग का थाट क्या है ?
थाट :- खमाज थाट
Raag parichay of all raags in Indian Classical music..
Khamaj raag Naman karun mein satguru charna Bandish Allap Taan is described in this post of Saraswati Sangeet Sadhana..
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