kalingada raag in hindi

कालिंगड़ा राग Kalingada Raag Bandish 12 Matras Allap Taan Music Notes In Hindi

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राग कालिंगड़ा की रचना भैरव थाट से मानी गई है। इसमें ऋषभ और धैवत स्वर कोमल लगते है। वादी प और सम्वादी स है तथा जाति सम्पूर्ण सम्पूर्ण है। इसका गायन समय रात्रि का अन्तिम प्रहर अर्थात प्रात4 बजे से7 बजे तक माना गया है।

Kalingada Raag

How To Read Sargam Notes

  • “(k)” is used for komal swars.eg – ( रे(k) , (k) , (k) , नि(k) ) (Note – You can write ( रे , , , नि ) in this manner in exams . )
  • म(t) here “(t)” is used for showing teevra swar म(t) . (Note – You can write ( म॑ ) in this manner in exams . )
  • “-” is used for stretching the swars according to the song.
  • Swars written “रेग” in this manner means they are playing fast or two swars on one beat.
  • (रे)सा here रे” is kan swar or sparsh swar and “सा” is mool swar. (Note – You can write ( रेसा ) in this manner in exams . )
  • [ नि – प ] here this braket [ ] is used for showing Meend from “नि” swar to प” . (Note – You can write ( नि प ) making arc under the swars in this manner in exams . )
  • { निसां रेंसां नि } here this braket {} is used for showing Khatka in which swars are playing fast .

Kalingada Raag Parichay

आरोह : सा  रे(k)  ग  म , प  ध(k)   नि  सां  ।

अवरोह : सां नि ध(k)  प , म ग रे(k)  सा ।

पकड़ : ध(k) प ग म ग , .नि –  सा रे(k) ग , म ।  

वादी – संवादी स्वर : ध , ग  

ठाट – भैरव ठाट

जाति – सम्पूर्ण – सम्पूर्ण

गायन समय – रात्री का अंतिम  प्रहर है ।

राग कालिंगड़ा की विशेषता

  • यह चंचल प्रकृति का राग है। इसमे बडा ख्याल तथा मसीतखानी गतें कम सुनाई पडती है। राग भैरव की तुलना में राग कालिंगड़ा कम लोकप्रिय है।
  • यह प्रात: कालीन संधिप्रकाश राग है। इसका कारण यह है कि इसमें रे ध कोमल शुद्ध होने के साथ साथ शुद्ध ग और शुद्ध म भी प्रयोग किया जाता है।
  • इस राग में वादी – संवादी स्वरों के अतिरिक्त गंधार स्वर खूब अधिक चमकता है। इसमें गंधार पर खूब न्यास किया जाता है। जिससे भैरव से अलग दिखता है।

न्यास के स्वर  सा, ग और प।

समप्रकृति रागभैरव।

कालिंगड़ाग म प, ध प म प म ग, म ग- रे सा।

भैरव ग म ध -ध प, म प ग म – रे रे सा।

विशेष स्वर संगतियाँ

  • सा- रे ग म ग,
  • म प ध प- म ग,
  • ग म प ध प,
  • प ध प ध नि- सां,
  • सां रे सा रें नि नि सां।

Kalingada Raag Time

गायन समय – रात्री का अंतिम  प्रहर है ।

Ek Taal

ताल परिचय –

मात्रा – इस ताल में 12  मात्रा होती हैं ।

विभाग – इस ताल में 6 विभाग होते हैं । प्रत्येक  विभाग

2-2 मात्राओं के हैं ।

ताली –  इस ताल में 1, 5 ,9  और 11वी   मात्रा पर ताली लगती है ।

खाली – इस ताल में 3 , 7 वी मात्रा  खाली होती है ।

यह ताल छोटे व बारे खयाल में प्रयोग होती है ।

एक गुन में लिखने  का तरीका –

मात्रा1   2  34  56 78 910 1112
बोलधिंधिं   धागे  तिरकित तू   ना  क   ता  धागेतिरकित धीना
चिन्हx  0  2  0   3  4 

Kalingada Raag Aaroh Avaroh Pakad

आरोह : सा  रे(k)  ग  म , प  ध(k)   नि  सां  ।

अवरोह : सां नि ध(k)  प , म ग रे(k)  सा ।

पकड़ : ध(k) प ग म ग , .नि –  सा रे(k) ग , म ।  


Kalingada Raag bandish

कलिंगड़ा राग बन्दिश

स्थायी –

जागो जागो जागो श्याम

पंछी बट बोले

अंतरा –

सुखद भानु उदय भयो

पंकज कुल विकसित भयो

गऊ वन सब ठाड़े द्वारे

Kalingada Raag Notation

स्वर मालिका –

स्थायी –

1    2     /   3     4   /   5   6    /   7   8    /   9   10  /   11  12 

जा     –   /  गो   जा   /  –   गो   /  जा  –    / गो-   श्या  /  –   म

प   ध(k) / प   ध(k)  / म   प  /  ग   प  / म(ग)-ग  रे(k) /  –  सा

X        / 0           / 2          /  0            / 3          / 4    

1    2     /   3     4   /   5   6    /   7   8    /   9   10  /   11  12 

पं   –    /   छी    –   /   ब     ट   /  बो   –   /  –     ले      /    –    –  

.नि   सा  /  ग   म  /  प   ध(k) / सां  निरें(k)  / सांनि  ध(k)प  / मप  गम   

अंतरा –

1    2     /   3     4   /   5   6    /   7   8    /   9   10  /   11  12 

सु    ख   /  द    भा   /   –    नु   /   उ    द   /  य   भ   /  यो  – 

प   प   /   प    ध(k)  /  –    नि  /  नि    सां   /  नि    सां  /   नि    सां 

X        / 0           / 2          /  0            / 3          / 4  

1    2     /   3     4   /   5   6    /   7   8    /   9   10  /   11  12 

पं   –   /   क   ज   / कु   ल   /  वि   क   /  सि   त  / भ   यो

ध(k)    – / ध(k)  ध(k)  / नि  सां  / ध(k)   रें(k)  / नि  सां / ध(k)   प

X        / 0           / 2          /  0            / 3          / 4    

1    2     /   3     4   /   5   6    /   7   8    /   9   10  /   11  12 

ग     ऊ   /  व    न  /  स     ब   / ठा   –   /  रे   द्वा   /  –   रे

ग   म  /  प   ध(k)   /  नि  सां  /  ध(k)   सां  / नि   ध(k)   / प  ध(k)     

X        / 0           / 2          /  0            / 3          / 4    

1    2     /   3     4   /   5   6    /   7   8    /   9   10  /   11  12 

दी   –   /  न    ना   /  –     थ   /   जा    –   /  –    गो   /   –     – 

सां  –  /  नि  ध(k)  /  प   ध(k)  / गम  पध(k)  / पम  ध(k)प / मप गम  

X        / 0           / 2          /  0            / 3          / 4    

Kalingada Raag 16 Matras Allap Taan

Kalinada Raag Allap in Hindi

12 Matras Allaap

जागो जागो जागो श्याम

सा  रे(k)   ग  म /  ग  रे(k)   सा – / .नि  सा  रे(k)   सा

ग  म  प  ध(k)  /  प  म  प  –  / गम  गरे(k)  सा – 

.निसा  गम  पध(k) प  / ग  म ध(k) प / म  ग  रे(k)  सा 

ग  म  ध(k)  नि / सां नि सां –  / ध(k)  ध(k) प –

ग  म  ध(k) ध(k) / नि नि सां  – /  सांनि  ध(k)प   मग  रे(k)सा 

.नि  सा  ग  म  /  प  ध(k)  नि  सां  /  सां  रें(k)  सां  –        

सुखद भानु उदय भयो

सां  –  नि  सां  / ध(k) नि सां – /  सांनि  ध(k)प  मग  रे(k)सा  

Kalingada Raag Taan in Hindi

12 Matras Taan-

जागो जागो जागो श्याम

सारे(k) गम पध(k) निसां / सांनि ध(k)प मग रे(k)सां / सारे(k) गम गरे(k) सा 

सारे(k) गग रे(k)ग मम / गम पप मप ध(k)ध(k) / पध(k) निनि  ध(k)नि सांसां

सारे(k) गसा रे(k)ग सारे(k) / गम पग मप गम / पध(k) निप ध(k)नि सां  

गम पग मप गम / गम पग मग रे(k)सा / गम पम गरे(k) सा

सारे(k) गम रे(k)ग मप / गम पध(k) मप ध(k)नि / पध(k) निसां सांरें(k) सां-

कलिंगड़ा राग के आरोह अवरोह क्या हैं ?

आरोह : सा  रे(k)  ग  म , प  ध(k)   नि  सां  ।
अवरोह : सां नि ध(k)  प , म ग रे(k)  सा ।
पकड़ : ध(k) प ग म ग , .नि –  सा रे(k) ग , म ।  

कलिंगड़ा राग का गायन समय क्या है ?

गायन समय – रात्री का अंतिम  प्रहर है ।

कलिंगड़ा राग की जाति क्या है ?

जाति – सम्पूर्ण – सम्पूर्ण

कलिंगड़ा राग का ठाट क्या है

ठाट – भैरव

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