Ek Sangeet Samaroh Ka Varnan karen in hindi

Ek Sangeet Samaroh Ka Varnan karen in hindi एक संगीत-समारोह का वर्णन

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एक संगीत-समारोह का वर्णन


• जनता का मनोरंजन सबसे अधिक संगीत से होता है। हर एक शुभ अवसर पर संगीत का कार्यक्रम रखा जाता है। कुछ संस्थायें भी संगीत कार्यक्रम आयोजित करती हैं। वाराणसी, इलाहाबाद, कलकत्ता, बम्बई आदि स्थानों में हर वर्ष संगीत सम्मेलन हुआ करता है।


• एक बार बसन्त के पूर्व वाराणसी जाने को हुआ। पहुँचने पर मालूम हुआ कि ‘संगीत परिषद द्वारा आयोजित संगीत सम्मेलन चल रहा है। खुशी इस बात की हुई कि उसी दिन प० रविशंकर का सितार वादन था। मुझे सितार बहुत प्रिय है, उस पर से प० रविशंकर का और भी। एक बड़े से पंडाल में संगीत कार्यक्रम हो रहा था। स्टेज सजा हुआ था।


• हवा मे कागज के फूल-पते झूम रहे थे। यद्यपि पंडाल में सैकड़ों या हजारों स्त्री-पुरुष थे फिर भी बजी शांति थी।


• कार्यक्रम ठीक समय से शुरू हुआ उस दिन की बैठक में उस्ताद अमीर खाँ का गायन, अली अकबर खाँ का सरोद, पं० रविशंकर का सितार, तालवाद कचहरी आदि कार्यक्रम थे। अगीर खाँ के साथ अल्ला रखा साहब संगति करने बैठे। खाँ साहब ने पूरिया राम में आलाप, बड़ा ख्याल तथा छोटा ख्याल गाया।


• श्रोताओं ने उनके गायन का आनंद लिया।


• इसके बाद उस्ताद अली अकबर खाँ का सरोद रखा गया और उनके साथ किशन महाराज संगति करने बैठे। आपने यमन राम में जोड़-आलाप तथा देश राग में मसीतखानी और रजाखानी गत बजाया। किशन जी ने बड़ी अच्छी संगति की। बीच-बीच में जैसा सरोद पर बजता, वैसा ही तबले पर सुनाते और जनता मारे खुशी के ताली बजाने लगती। राग देश के बाद चंद्रनंदन राम बजाकर अपना कार्यक्रम समाप्त किया। इसके बाद ‘ताल वाच कचहरी’ हुई। इसमें दो तबलिये, एक पखावजी, एक खँजरीवाले भाग ले रहे थे। आपस की लड़ंत में लोगों को बड़ा आनंद आया। प्रत्येक कलाकार एक दूसरे से अच्छा लगता था।


• अंत में पण्डित रविशंकर का सितार वादन था। रात्रि के तीन बज चुके थे।


• पंडाल खचाखच भरा हुआ था। जिस समय वे स्टेज पर आये, लोगों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया। एक घण्टे तक ललित राग में आलाप-जोड़ बजाया।


• चारों तरफ ललित राग छा गया। आलाप के बाद मसीतखानी और रजाखानी गत बजाया ललित के बाद एक घण्टे तक भैरवी राग बजाया।


• भैरवीमें बारहो स्वरों का बड़ा सुन्दर प्रयोग करते थे बड़ी तैयारी के साथ तान तोडे


• बजाये झाले में तबलिये का ना धिं धिं ना और भी मजा दे रहा था।


• इस प्रकार सुबह साढ़े पाँच बजे कार्यक्रम समाप्त हुआ।

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