धनाश्री राग को काफी थाट जन्य माना गया है। इसमें ग और नि स्वर कोमल प्रयोग किये गये हैं। गायन समय दिन का प्रथम प्रहर है। वादी प और संवादी सा है। जाति औडव – षाडव है।
Dhanashree Raag In Hindi
How To Read Sargam Notes
- “(k)” is used for komal swars.eg – ( रे(k) , ग(k) , ध(k) , नि(k) ) (Note – You can write ( रे , ग , ध , नि ) in this manner in exams . )
- म(t) here “(t)” is used for showing teevra swar म(t) . (Note – You can write ( म॑ ) in this manner in exams . )
- “-” is used for stretching the swars according to the song.
- Swars written “रेग” in this manner means they are playing fast or two swars on one beat.
- (रे)सा here “रे” is kan swar or sparsh swar and “सा” is mool swar. (Note – You can write ( रेसा ) in this manner in exams . )
- [ नि – प ] here this braket [ ] is used for showing Meend from “नि” swar to “प” . (Note – You can write ( नि प ) making arc under the swars in this manner in exams . )
- { निसां रेंसां नि } here this braket {} is used for showing Khatka in which swars are playing fast .
Dhanashree Raag Parichay
आरोह – सा रे म प नि(k) सां
अवरोह- सां प ध म प रे ग(k) सा रे , नि(k) सा-
वादी संवादी स्वर-प सा
थाट-काफी थाट
जाति-औडव – षाडव
गायन समय-दिन का प्रथम प्रहर (4 am to 7 am)
धनाश्री राग प्रश्न उत्तर –
धनाश्री राग के आरोह अवरोह पकड़ क्या हैं ?
आरोह – सा रे म प नि(k) सां
अवरोह- सां प ध म प रे ग(k) सा रे , नि(k) सा-
धनाश्री राग की जाति क्या है ?
जाति-औडव – षाडव(5,6)
धनाश्री राग का गायन समय क्या है ?
गायन समय-दिन का प्रथम प्रहर (4 am to 7 am)
धनाश्री राग में कौन से स्वर लगते हैं ?
आरोह – सा रे म प नि(k) सां
अवरोह- सां प ध म प रे ग(k) सा रे , नि(k) सा-
धनाश्री राग का थाट क्या है ?
थाट-काफी थाट
धनाश्री राग के वादी संवादी स्वर कौन से हैं ?
वादी संवादी स्वर-प सा
धनाश्री राग का परिचय क्या है ?
धनाश्री राग को काफी थाट जन्य माना गया है। इसमें ग और नि स्वर कोमल प्रयोग किये गये हैं। गायन समय दिन का प्रथम प्रहर है। वादी प और संवादी सा है। जाति औडव – षाडव है।