Birju Maharaj Biography in Hindi is described in this post . Kathak shastra notes available on saraswati sangeet sadhana
Birju Maharaj Biography in Hindi
Birju Maharaj Jivani in Hindi
बिरजू महाराज
- ये लखनऊ घराने के सुप्रसिद्ध स्व० पं० अच्छन महाराज सुयोग्य पुत्र है। ऐसे तो ये बिरजू महाराज के नाम से प्रसिद्ध हैं।लेकिन इनका असली नाम ब्रजमोहन दास है।
- इन्हें नृत्य सीखने की प्रेरणा इनके पिता से मिली। घर का वातावरण भी नृत्यम था। रूढिगत परम्परा के अनुसार इन्होंने अपने पिता गण्डा बंधवाया, किन्तु दुर्भाग्यवश जब केवल दस वर्ष के ही थे इनके पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद इन्होंने अपने चाचा लच्छू महाराज और शम्भु महाराज से नृत्य की शिक्षा ग्रहण की।
- सात वर्ष की अवस्था में इन्होंने अपना पहला प्रदर्शन देहरादून में दिया जो लोगों द्वारा बहुत पसंद किया गया।
- पिता की मृत्यु के बाद इन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पडा और उदरपूर्ति के लिए कार्य भी करना पडा, किन्तु इन सब मुसीबतों के होते हुए भी इनमें नृत्यकार बनने की इच्छा बडी प्रबल थी। कुछ दिनों के परिश्रम के बाद इन्हें दिल्ली में ‘संगीत भारती’ नामक संस्था में शिक्षक का कार्य मिला। दिल्ली में ही इन्होंने कुछ नृत्य नाटकों की बडे परिश्रम से रचना की, किन्तु सफल न हो सकें। अतः अपने घर लखनऊ चले गये। बाद में अपने चाचा के सहयोग से दिल्ली में कुमार संभव फाग लीला, गोवर्धन लीला, मालती माधव और शाने अवध की रचना की और नृत्य नाटक प्रस्तुत किये जो जनता द्वारा काफी सराहें गयें।
- इनका स्वभाव बहुत ही सरल और मृदु है। ये बहुत ही मिलनसार थे और दूसरों के प्रति दया की भावना रखते थे।
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