Bhav Sangeet Visharad Final Syllabus In Hindi Pracheen Kala Kendra

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Bhav Sangeet Visharad Final Syllabus In Hindi

भाव संगीत

परीक्षा के अंक

पूर्णाक : ३००

शास्त्र – १००

प्रश्न पत्र-५०

द्वितीय प्रश्न पत्र-५०

क्रियात्मक – १२५

शास्त्र

प्रथम प्रश्न पत्र
  • निम्नलिखित की परिभाषा: –धुपद की वाणियां, स्वस्थान नियम, आविर्भाव, तिरोभाव, बहुत्व, वाग्गेयकार, थाट और राग में अंतर, श्रुति और स्वर में अंतर
  • निम्नलिखित गीत प्रकारों का परिचय:-श्यामा संगीत, ब्रह्मा संगीत, राम प्रसादी संगीत, टुसु, अवतार गजल, गीत, ठुमरी और टप्पा।
  • अपने- अपने प्रदेश के विभिन्न प्रांतों के लोक गीतों का ज्ञान।
  • भाव संगीत पर हिन्दुस्तानी संगीत का प्रभाव।
  • आधुनिक संगीत का विकास।
  • आधुनिक संगीत में रस वैचित्रय।
  • आधुनिक संगीत पर पाश्चात्य संगीत का प्रभाव।
  • आधुनिक संगीत में गीतकार और संगीतकार की देन।
  • आधुनिक संगीतकारों के गुण तथा दोष ।
  • संगीत सम्मेलनों की उपयोगिता ।
  • जीवनी:- तानसेन, अब्दुल करीम खां, अतुल प्रसाद, द्विजेन्द्र लाल , रजनी कांत, राम प्रसाद और यदु भट्ट।
द्वितीय पत्र
  • श्रुतिस्वर विभाजन के संबंध में प्राचीन और आधुनिक मत
  • ख्याल ,राग प्रधान गीत, भजन इत्यादि गाने के विशेष नियम
  • रेडियो संगीत, रिकार्ड संगीत और चलचित्र संगीत के आदर्श
  • विभिन्न गीत प्रकार में जाट के सिद्धा
  • पाठ्यक्रम में निर्धारित गीत प्रकारों का विस्तृत ज्ञान और तुलनात्मक अध्ययन
  • कीर्तन में व्यवहार होने वाले ताल समूह का विस्तृत अध्ययन
  • किसी गीत को स्वरबद्ध और तालबद्ध करके स्वरलिपि में लिखने की क्षमता।
  • पाठ्यक्रम में निर्धारित रागों का पूर्ण परिचय और समानता व विभिन्नता का अध्ययन
  • पाठ्यक्रम में निर्धारित तालों को विभिन्न लयकारी में लिखने का अभ्यास एवं उसकी समानता व विभिन्नता का ज्ञान।

क्रियात्मक

  • निम्नलिखित रागों में छोटा ख्याल जानना आवश्यक है-पूरिया, दरबारी कान्हड़ा, मियां मल्हार, मारवा, मुल्तानी, मारू बिहाग, अड़ाना, सिंधूरा और बसंत बहार।
  • पीलू तथा तिलंग राग में एक टप्पा तथा दो ठुमरी जानना आवश्यक ।
  • किसी राग में धुपद ( ठाह, दुगुन, तिगुन तथा चौगुन लयकारी व साथ) जानना आवश्यक है।
  • एक धमार एकगुन और दुगुन लयकारियों सहित ।
  • निम्नलिखित गानें का अभ्यास-

(क) बंग भाषा भाषियों के लिए चण्डीदास पदावली (एक), नज़रूलगीत (एक), रवीन्द्र संगीत (एक), कमलकांत का श्यामा संगीत (एक), ज्ञान दास (एक), बंगाल के विभिन्न प्रांतों का लोक गीत (एक), मीरा भजन (एक), सूरदास भजन (एक), ब्रह्मानन्द भजन (एक), तुलसी दास भजन (एक), कबीर भजन (एक), गजल (एक), विधपति पदावली (एक), रामदास पदावली (एक), अतुल प्रसादी (एक), रजनीकांत (एक), द्विजेन्द्र गीत (दो), (एक)कजरी (एक),रागाश्रित गीत- पांच (पूर्वी, शिवरंजनी, बहार, बसन्त तथा रागेश्री राग में होना आवश्यक ) ।

(ख) अन्य भाषा भाषियों के लिए – मीरा भजन (एक) सूरदास भजन (एक) ब्रह्मानन्द भजन (एक) तुलसीदास भजन (एक) कबीर भजन (एक) गज़ल (दो) दादरा (एक) अवतार (एक) प्रादेशिक लोग संगीत (चार), गीत (एक) कजरी (एक) रागाश्रित गीत- पाँच (पूर्वी, शिवरंजनी, बहार, बसन्त, तथा रागेश्री राग में होना आवश्यक ।

  • तिलवाड़ा, पंचम सवारी, कव्वाली, आड़ा ठेका, लाउणी, लोफा तथा दीपचन्दी तालों का ज्ञान तथा इनके ठेकों के बोल को हाथ पर ताली-खाली दिखलाकर बोलनें का अभ्यास।
  • तानपुरे के साथ गाना अनिवार्य ।
  • टिप्पणी- पूर्व वर्षो का पाठ्यक्रम संयुक्त रहेगा।

मंच प्रदर्शन-

  • परीक्षार्थी को निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार 35 मिनट तक शानदार मंच प्रदर्शन करना होगा।

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