असावरी राग की उत्पत्ति असावरी थाट से मानी जाती है। इस राग में गा ध और नी का प्रयोग कोमल स्वर के रूप में किया जाता है। आरोह में गा और नि का प्रयोग नहीं किया जाता है और अवरोह में सभी सात स्वरों का प्रयोग किया जाता है। इसकी जाति औडव-सम्पूर्ण(5,7) है। इस राग में धा और गा वादी और संवादी स्वर हैं। इस राग के गायन का समय प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक (दिन का दूसरा पहर ) है।
Asavari Raag
How To Read Sargam Notes
- “(k)” is used for komal swars.eg – ( रे(k) , ग(k) , ध(k) , नि(k) ) (Note – You can write ( रे , ग , ध , नि ) in this manner in exams . )
- म(t) here “(t)” is used for showing teevra swar म(t) . (Note – You can write ( म॑ ) in this manner in exams . )
- “-” is used for stretching the swars according to the song.
- Swars written “रेग” in this manner means they are playing fast or two swars on one beat.
- (रे)सा here “रे” is kan swar or sparsh swar and “सा” is mool swar. (Note – You can write ( रेसा ) in this manner in exams . )
- [ नि – प ] here this braket [ ] is used for showing Meend from “नि” swar to “प” . (Note – You can write ( नि प ) making arc under the swars in this manner in exams . )
- { निसां रेंसां नि } here this braket {} is used for showing Khatka in which swars are playing fast .
आरोह :- सा रे म प ध सां ।
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा ।
पकड :- म प ध म प , ग रे सा ।
थाट :- आसावरी थाट
जाति :- औडव – सम्पूर्ण (5,7 )
वादी – संवादी स्वर :- ध ग
Asavari Raag Time
गायन समय :- दिन का दूसरा प्रहर ।
आसावरी राग
Asavari raag Bandish / Asavari Raag Lyrics
आसावरी राग की बन्दिश-
Stahi-
अरे मन समझ समझ पग धरिए
अरे मन इस जग में नहीं अपना कोई
परझाई सो डरिए ।
Antara-
दौलत दुनिया कुटुम्भ कबीला
इन सोने हन कबहुँ करिये
राम नाम सुख धाम जगत में
सुमिरन से जग तरिए ।
तीन ताल
एक गुन में लिखने का तरीका –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 |
बोल | धा | धिं | धिं | धा | धा | धिं | धिं | धा | धा | तिं | तिं | ता | ता | धिं | धिं | धा |
चिन्ह | x | 2 | 0 | 3 |
इस राग में बंदिश 9 वी मात्रा से प्रारम्भ होती है ।
Asavari raag Notation / Asavari Raag Sargam Geet / Swar Malika
स्थायी
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
अ रे म न / स म झ स / म झ प ग / ध रि ए –
प म प सां / (नि)ध ध प मप / ग(रे) रेसा म म / प ध प –
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
अ रे म न / इ स ज ग / में – न हीं / अ प ना –
प म प सां / ध ध ध ध / पध पम ध प / ग ग रे सा
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
को – ई – / प र झा – / ई – सो – / ड रि ए –
रे – सा – / प प गं – / रें(सां) – सां सां / रें नि ध प
अन्तरा
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
दौ – ल त / दु नि या – / कु टु म्भ क / बी – ला –
म – प प / ध ध ध प / सां सां सां सां / रें नि सां –
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
इ न सो – / ने – ह न / क ब हुँ – / क रि ये –
ध – ध – / सां – सां रें / गं गं रें सां / रें नि ध प
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
रा – म ना / – म सु ख / धा – म ज / ग त में –
पध नि ध प / – प ध प / ग – रे सा / रे रे सा –
9 10 11 12 / 13 14 15 16 / 1 2 3 4 / 5 6 7 8
सु मि र न / से – ज ग / त रि ए – / अ रे म न
प प गं गं / रें सां सां सां / रें नि ध प / प म प सां
Asavari Raag Allap Taan
Asavari Raag Alap
Asavari raag 16 Matras Allaap
अरे मन समझ समझ पग धरिए
सा रे म प / ध – प – / म प ध प / ग – रे सा
अरे मन समझ समझ पग धरिए
सा रे म प / ध ध सां – / सां नि ध प / म ग रे सा
अरे मन समझ समझ पग धरिए
म प ध – / प – – – / म प ग – / रे – सा –
अरे मन समझ समझ पग धरिए
म प ग – / रे – सा – / सा .नि .ध सा / रे – सा –
अरे मन समझ समझ पग धरिए
म प नि – / ध – प – / सा रे म प / ध – प –
दौलत दुनिया कुटुम्भ कबीला
सां – – – / सां नि ध प / म ग रे सा / सारे मप धध सां
दौलत दुनिया कुटुम्भ कबीला
सां नि ध प / ध ध सां – / सां रें गं – / रें – सा –
दौलत दुनिया कुटुम्भ कबीला
इन सोने हन कबहुँ करिये
राम नाम सुख धाम जगत में
सुमिरन से जग तरिए ।
Asavari Raag Taan in Hindi
Asavari raag 8 Matras Taan
अरे मन समझ
सारे मप धध सां – / सांनि धप मग रेसा
अरे मन समझ
सारे मम रेम पप / मप धप मग रेसा
अरे मन समझ
मप धप मग रेसा / सांनि धप मग रेसा
अरे मन समझ
सारे गरे सारे मप / धप मप मग रेसा
अरे मन समझ
मप धसां रेंगं रेंसां / निनि धप मग रेसा
अरे मन समझ
मप धप मप मप / सांनि धप मग रेसा
अरे मन समझ
सारे म– रेम प- / मप धध पध सां-
दौलत दुनिया कुटुम्भ कबीला
इन सोने हन कबहुँ करिये
राम नाम सुख धाम जगत में
सुमिरन से जग तरिए ।
16 Matras Taan
अरे मन समझ समझ पग धरिए
सारे मप धप मप / मप धप मग रेसा / सारे मप धसां रेंसां / निनि धप मग रेसा
अरे मन समझ समझ पग धरिए
सारे मम रेम पप / मप धध पध सां- / सांनि धध निध पप / मप धप मग रेसा
अरे मन समझ समझ पग धरिए
सारे रेम मप पध / पध पध पध सां- / सांसां निनि धध पप / मप धप मग रेसा
अरे मन समझ समझ पग धरिए
सारे मप धप मप / मप धनि धप मप / मप धनि सांनि धप / मप धप मग रेसा
अरे मन समझ समझ पग धरिए
सारे गरे सारे मप / रेम पम रेम पध / मप धप मप धसां / सांनि धप मग रेसा
अरे मन समझ समझ पग धरिए
अरे मन इस जग में नहीं अपना कोई
परझाई सो डरिए ।
आसावरी राग प्रशन उत्तर –
आसावरी राग की पकड़ क्या है ?
पकड :- म प ध म प , ग रे सा ।
आसावरी राग का गायन समय क्या है ?
गायन समय :- दिन का दूसरा प्रहर । 9 am to 12 pm
आसावरी राग के वादी संवादी स्वर कोण से हैं ?
वादी – संवादी स्वर :- ध ग
आसावरी राग की जाती क्या है ?
जाति :- औडव – सम्पूर्ण (5,7 )
आसावरी राग के आरोह अवरोह पकड़ क्या है ?
आरोह :- सा रे म प ध सां ।
अवरोह:- सां नि ध प म ग रे सा ।
पकड :- म प ध म प , ग रे सा ।
आसावरी राग का ठाट क्या है ?
आसावरी राग का ठाट आसावरी ठाट ही है इसलिए यह राग आश्रय राग भी कहलता है ।
Raag parichay of all raags in Indian Classical music..
Asavari raag – Are man samajh samajh pag dhariye Bandish Allap Taan is described in this post of Saraswati Sangeet Sadhana..
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