दीपचंदी ताल में 14 मात्रा होती हैं और चारो विभाग होते हैं पहला व तीसरा विभाग 3-3 मात्राओं का तथा दूसरा व चौथा विभाग 4-4 मात्राओं का होता हैं । 1 , 4 और 11वी मात्रा पर ताली लगती है और इस ताल को एकगुन दुगुन तिगुन और चौगुन में तबले व अन्य वाद्यों पर बजाया जाता है |
14 मात्रा में से पहली मात्रा को सम कहा जाता है और 8 वीं मात्रा को खाली कहा जाता है। दीपचंदी तालको गिनने के लिए दर्शक या छात्र पहली मात्रा पर ताली बजाते हैं, 4 वी मात्रा पर ताली बजाते हैं, फिर 8 वी मात्रा पर दायें हाथ से हाथ को हिला कर खाली रकते हैं और अंत में फिर से 11 वी मात्रा पर ताली बजाते हैं
Deepchandi Taal
दीपचंदी ताल परिचय –
मात्रा –14 मात्रा
विभाग –4 विभाग
ताली – 1, 4 और 11वी
खाली –8 वी मात्रा
इस ताल का राग गायन में प्रयोग करते हैं।
ताल में पहली मात्रा सम कहलाती है इसे “x” से चिन्हित किया गया है
ताली – दीपचंदी तालमें ताली को ( x 2 3 ) पर चिन्हित किया गया है
खाली – दीपचंदी तालमें खाली को “० ” से चिन्हित किया जाता है
Deepchandi Taal Bol In Hindi
बोल – धा धिं – / धा गे तिं – / ता तिं – / धा गे धिं –
दीपचंदी ताल का ठेका –
ठाह या एक गुन में लिखने का तरीका –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | |||
बोल | धा | धिं | – | धा | गे | तिं | – | ता | तिं | – | धा | गे | धिं | – | |||
चिन्ह | x | 2 | 0 | 4 |
दो गुन में लिखने का तरीका –
इस ताल को दुगुन में लिखने के लिए दो बोल को एक मात्रा पर लिखना होगा ।
जैसे –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | ||
बोल | धाधिं | -धा | गेतिं | -ता | तिं- | धागे | धिं- | ||
चिन्ह | x | 2 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | |
धाधिं | -धा | गेतिं | -ता | तिं- | धागे | धिं- | |
0 | 4 |
तीगुन में लिखने का तरीका
इस ताल को तिगुन में लिखने के लिए तीन बोल को एक मात्रा पर लिखना होगा ।
जैसे –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | |
बोल | धाधिं – | धा गेतिं | -ता तिं | -धागे | धिं-धा | धिं – धा | गेतिं- | |
चिन्ह | x | 2 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | |
ता तिं- | धागे धिं | – धाधिं | -धा गे | तिं- ता | तिं -धा | गेधिं- | |
0 | 4 |
चौगुन में लिखने का तरीका
इस ताल को चौगुन में लिखने के लिए चार बोल को एक मात्रा पर लिखना होगा ।
जैसे –
मात्रा | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | |
बोल | धाधिं – धा | गेतिं -ता | तिं-धागे | धिं-धा धिं | – धागेतिं | – ता तिं – | धागे धिं- | |
चिन्ह | x | 2 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | |
धाधिं-धा | गे तिं- ता | तिं -धागे | धिं- धाधिं | – धा गेतिं | -ता तिं – | धागे धिं- | |
0 | 4 |
दीपचंदी ताल को हाथ पर लगाने का तरीका –
ताल को हाथ पर दिखने में दोनों हाथो का प्रयोग होता है
पहला विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर पहली मात्रा पर ताली देते हुए 3 बार गिनते और बोल बोलते हैं
दूसरा विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर 4 वी मात्रा पर ताली देते हुए 4 बार गिनते और बोल बोलते हैं
तीसरा विभाग – दायें हाथ से 8 वी मात्रा खाली रखते हुए दांये हाथ से 3 बार गिनते और बोल बोलते हैं
चौथा विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर 11वी मात्रा पर ताली देते हुए 4 बार गिनते और बोल बोलते हैं
दीपचंदी ताल प्रश्न उत्तर-
दीपचंदी ताल में कितने मात्रा होती हैं ?
दीपचंदी ताल में 14 मात्रा होती हैं
दीपचंदी ताल के बोल क्या हैं ?
बोल – धा धिं – / धा गे तिं – / ता तिं – / धा गे धिं –
धा धिं – धा गे बोल के ताल का क्या नाम है ?
दीपचंदी ताल के बोल धा धिं – धा गे से शुरू होते हैं
दीपचंदी ताल में कितनी ताली और कितनी खाली होती है?
दीपचंदी ताल 1 ,4 और 11वी मात्रा पर ताली लगती है और खाली 8 वी मात्रा पर लगती है
दीपचंदी ताल में कुल कितने विभाग होते हैं?
दीपचंदी ताल में 4 विभाग हैं पहला व तीसरा विभाग 3-3 मात्राओं का तथा दूसरा व चौथा विभाग 4-4 मात्राओं का होता हैं
दीपचंदी ताल का ठाह क्या है ?
दीपचंदी ताल ठाह – धा धिं – / धा गे तिं – / ता तिं – / धा गे धिं –
दीपचंदी ताल का कहाँ प्रयोग होता है ?
दीपचंदी ताल को एकगुन दुगुन तिगुन और चौगुन में तबले व अन्य वाद्यों पर बजाया जाता है |
दीपचंदी ताल को हाथ पर कैसे लगाते हैं ?
ताल को हाथ पर दिखने में दोनों हाथो का प्रयोग होता है
पहला विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर पहली मात्रा पर ताली देते हुए 3 बार गिनते और बोल बोलते हैं
दूसरा विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर 4 वी मात्रा पर ताली देते हुए 4 बार गिनते और बोल बोलते हैं
तीसरा विभाग – दायें हाथ से 8 वी मात्रा खाली रखते हुए दांये हाथ से 3 बार गिनते और बोल बोलते हैं
चौथा विभाग – दायें हाथ से बायें हाथ पर 11वी मात्रा पर ताली देते हुए 4 बार गिनते और बोल बोलते हैं